महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी और शिवसेना के बीच गठबंधन पर लगभग सहमति बन गई है. कुछ ऐसे ही संकेत शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिए. उन्होंने दावा किया कि दो दिनों के भीतर दोनों दलों के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर घोषणा हो जाएगी. उद्धव ठाकरे के बयान से पता चलता है सीटों के मसले पर शिवसेना का रुख अड़ियल नहीं बल्कि नरम है.
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने यह भी कहा कि गठबंधन में सीटें उसी फॉर्मूले पर बंटेंगी, जिसे लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और सीएम देवेंद्र फडणवीस के साथ मीटिंग में फाइनल तय किया गया था. बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनाव में शिवसेना ने 23 सीटों पर, जबकि बीजेपी ने 25 सीटें पर चुनाव लड़ा था. इस प्रकार लोकसभा चुनाव में बीजेपी बड़े भाई की भूमिका में थी. जिस तरह से शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने लोकसभा चुनाव के फॉर्मूले के आधार पर विधानसभा में भी सीटों के बंटवारे की बात कही है.
इससे संकेत मिलते हैं कि विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी बड़े भाई की भूमिका में रहते हुए ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ेगी. हालांकि शिवसेना पूर्व में बराबर सीटों की मांग करती रही है. लोकसभा चुनाव के दौरान भी बीजेपी ने उसकी मांग अनसुनी करते हुए अपने से दो कम सीटें दी थीं.
शिवसेना समझती है गठबंधन की ताकत
लोकसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत और सौ दिनों के भीतर मोदी सरकार की ओर से लिए गए कई बड़े फैसलों के चलते बीजेपी की सियासी स्थिति मजबूत हुई है. इसे शिवसेना भी बखूबी समझती है. यही वजह है कि वह गठबंधन में सीटों के बंटवारे को लेकर अड़ियल रुख नहीं रखना चाहती. क्योंकि शिवसेना को भी पता है कि अकेले दम पर वह सरकार नहीं बना सकती और सत्ता में आने के लिए बीजेपी का साथ जरूरी है.
सूत्रों के मुताबिक इस वजह से शिवसेना बीजेपी से कम सीटों पर भी मानने को तैयार है. 2014 के चुनाव में शिवसेना अकेले चुनाव लड़ी थी. 283 सीटों पर उम्मीदवार उतारने पर सिर्फ 63 पर जीत मिली थी. वहीं बीजेपी को तब 122 सीटें मिलीं थीं. चुनाव बाद गठबंधन कर दोनों दलों ने महाराष्ट्र में सरकार बनाई थी.