महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के ऐलान से पहले कांग्रेस को एक के बाद एक बड़े झटके लग रहे हैं. फिल्म अभिनेत्री उर्मिला से नेता बनी उर्मिला मातोंडकर ने नाराजगी जताते हुए कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. उर्मिला के पार्टी छोड़ने के कुछ देर बाद ही महाराष्ट्र में कांग्रेस के उत्तर भारतीय नेता कृपाशंकर सिंह ने भी पार्टी को अलविदा कह दिया है. इसके साथ मुंबई कांग्रेस की कलह उभरकर सामने आ गई है.
उर्मिला और कृपाशंकर सिंह के कांग्रेस छोड़ने को पार्टी के लिए मुंबई में बड़ा झटका माना जा रहा है. उर्मिला ने अपने इस्तीफे के साथ अपनी पीड़ा जाहिर करते हुए कहा, 'मेरी राजनीतिक और सामाजिक संवेदनशीलता का एक बड़े लक्ष्य पर काम करने के बजाय मुंबई कांग्रेस में कुछ लोग आपसी लड़ाई के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं.'
हालांकि वह कांग्रेस के संजय निरुपम खेमे के नेताओं से नाराज थीं, इस संबंध में उन्होंने मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष मिलिंद देवड़ा को लोकसभा चुनाव नतीजे के बाद ही पत्र लिखकर कहा था कि उन्होंने ईमानदारी और निष्ठा के साथ चुनाव लड़ा, लेकिन स्थानीय नेताओं ने समर्थन करने के बजाय उनके खिलाफ काम किया. मुंबई उत्तर संसदीय क्षेत्र के कुछ स्थानीय पार्टी नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करने का भी अनुरोध किया था.
उर्मिला के इस्तीफे पर मुंबई कांग्रेस के अध्यक्ष मिलिंद देवड़ा ने ट्वीट कर कहा, 'उर्मिला ने मुंबई उत्तर से लोकसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया तो मैंने उनका पूरे दिल के साथ समर्थन किया और चुनाव लड़ाया. लेकिन उर्मिला को पार्टी में लाने वाले लोगों ने उनका साथ छोड़ दिया था. इस बात से पूरी तरह से सहमत हूं कि उर्मिला के पार्टी छोड़ने के लिए मुंबई उत्तर के नेताओं को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए.'
After @UrmilaMatondkar decided to fight LS elections from Mumbai North, I supported her campaign wholeheartedly as @INCMumbai President. I stood by her when she was let down by those who brought her into the party. Fully agree that Mumbai North leaders MUST be held accountable!
— Milind Deora मिलिंद देवरा (@milinddeora) September 10, 2019
मिलिंद देवड़ा ने इशारों में मुंबई कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष संजय निरुपम पर निशाना साधा है. उर्मिला को लोकसभा चुनाव 2019 से कुछ दिनों पहले संजय निरुपम ने ही कांग्रेस जॉइन कराई थी. उर्मिला ने इस्तीफे से पहले एक पत्र मिलिंद देवड़ा को लिखा था, जिसमें उन्होंने मुंबई कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष संजय निरूपम के करीबी सहयोगियों संदेश कोंदविल्कर और भूषण पाटिल को लेकर नाराजगी जाहिर की थी.
मौके की नजाकत को समझते हुए मिलिंद देवड़ा ने भी ट्वीट करके निशाना साधा, क्योंकि संजय निरुपम के साथ उनके रिश्ते जगजाहिर हैं. लोकसभा चुनाव के पहले से ही मिलिंद मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष के पद से संजय निरुपम को हटाने के लिए सारे घोड़े खोल दिए थे. इतना ही नहीं खुलकर अपने समर्थकों के साथ उन्होंने कांग्रेस हाईकमान से भी मिलकर अपनी बात रखी थी.
मुंबई कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष संजय निरुपम ने आजतक से बातचीत करते हुए कहा कि उर्मिला मातोंडकर के इस्तीफे पर कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि उनकी चिट्ठी जो कि उन्होंने मुंबई अध्यक्ष को लिखी थी, उसको लीक कर दिया गया. यह निजता का सवाल है और ऐसा नहीं होना चाहिए था. जहां तक उन्होंने जिन नेताओं पर आरोप लगाए हैं, मैं आपको दावे के साथ कह सकता हूं कि उन्होंने कांग्रेस के लिए बहुत जी जान से काम किया है.
संजय निरुपम ने कहा कि उनको यह गलत जानकारी है, उनको कोई पद पर नियुक्त किया गया है. मैं फिर से अनुरोध करूंगा कि वह अपने फैसले पर विचार करें. मिलिंद देवड़ा को जवाबदेह ठहराना चाहता हूं. उन्होंने कैंपेन चलाकर मुझे हटवाया, खुद अपनी नियुक्ति करवाई और अब विधानसभा चुनाव के पहले हट गए.
बता दें कि उर्मिला नॉर्थ मुंबई सीट से चुनाव लड़ीं, लेकिन वह बीजेपी के गोपाल शेट्टी से जीत नहीं सकीं. हालांकि इसके बाद भी उर्मिला राजनीति में सक्रिय रहीं. महाराष्ट्र में बाढ़ की चपेट में आए लोगों से कोल्हापुर, सातारा से लेकर अन्य कई जगहों पर राहत और मदद का सामान लेकर पहुंचीं. इस साल स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त) भी उर्मिला ने बाढ़ पीड़ितों के साथ मनाया था. अब उर्मिला ने इस्तीफे के बाद कहा कि वो कांग्रेस के काम करने के तरीके से खुश नहीं थीं. वो महाराष्ट्र के लोगों के लिए काम करना चाहती थीं लेकिन कांग्रेस के रवैये के चलते वो नाकामयाब रहीं.