महाराष्ट्र के लातूर की छह विधानसभा सीटों पर मैदान में उतरे 106 उम्मीदवारों में से कम से कम 94 उम्मीदवारों ने हाल ही में संपन्न हुए चुनाव में अपनी जमानत नहीं बचा पाए. चुनाव परिणाम के बाद डेटा के विश्लेषण के अनुसार, इन उम्मीदवारों को कुल वैध वोटों के छठे हिस्से से भी कम वोट मिले हैं.
आंकड़ों से पता चलता है कि इनमें से कुछ उम्मीदवारों को 100 वोट भी नहीं मिले. लातूर जिले में छह विधानसभा क्षेत्र हैं: लातूर शहर, लातूर ग्रामीण, औसा, निलंगा, उदगीर और अहमदपुर-चाकुर.
इन निर्वाचन क्षेत्रों में दो प्रमुख गठबंधनों महायुति (भाजपा, शिवसेना, राकांपा) और महाविकास अघाड़ी (कांग्रेस, शिवसेना-यूबीटी, राकांपा-सपा) के उम्मीदवारों के अलावा बड़ी संख्या में निर्दलीय और छोटे दलों महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना, वंचित बहुजन अघाड़ी, बहुजन समाज पार्टी, रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया और प्रहार जनशक्ति पार्टी जैसी पार्टियों के उम्मीदवार मैदान में थे.
ऐसा था अहमदपुर सीट का हाल
अहमदपुर विधानसभा सीट पर 13 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा, जिनमें से तीन उम्मीदवार विजयी बाबासाहेब मोहन राव पाटिल (NCP), विनायकराव पाटिल (NCP-SP) और गणेश हेक (जनसुराज शक्ति) ही अपनी जमानत बचा सके. जबकि अन्य 10 उम्मीदवारों की जमानत राशि जब्त कर ली गई है.
लातूर शहर सीट का हाल
लातूर शहर सीट पर 24 उम्मीदवार मैदान में थे. इस सीट पर दो ही उम्मीदवार अपनी जमानत बचा सके हैं, जिसमें विजेता कांग्रेस के अमित देशमुख और बीजेपी प्रत्याशी डॉ. अर्चना पाटिला दूसरे स्थान पर रहीं हैं. हालांकि, वंचित बहुजन अघाड़ी के विनोद खटके समेत 22 अन्य उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई है.
लातूर ग्रामीण सीट का हाल
लातूर ग्रामीण में 16 उम्मीदवारों ने चुनावी मैदान में थे. इस सीट पर भी दो ही उम्मीदवार अपनी जमानत बचा सके हैं, जिसमें विजेता बीजेपी उम्मीदवार रमेश कराड और कांग्रेस के धीरज देशमुख शामिल हैं. जबकि अन्य 14 उम्मीदवार अपनी जमानत नहीं बचा पाए.
उदगीर सीट (अनुसूचित जाति) पर 18 उम्मीदवार मैदान में थे. इस सीट पर NCP के संजय बंसोड ने चुनाव जीता है, जबकि अन्य ज्यादातर उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई है.
क्या है जमानत जब्त होने का अर्थ
लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के अनुसार, चुनाव लड़ने वाले किसी भी उम्मीदवार (सामान्य वर्ग से) को सुरक्षा राशि के रूप में चुनाव आयोग के पास 10,000 रुपये जमा करने होते हैं. अनुसूचित जाति और जनजाति के उम्मीदवारों के लिए ये राशि 5,000 रुपये है.
इस नियम के तहत चुनाव लड़ने वाले किसी भी उम्मीदवार को कुल वैध वोटों का छठा हिस्सा न मिलने पर जमा की गई राशि को जब्त कर लेता है.