महाराष्ट्र विधानसभा में आज दिनभर तीखी बहस और हंगामे का माहौल रहा. सत्ताधारी पार्टी के विधायक आक्रामक हो गए और समाजवादी पार्टी के नेता और विधायक अबू आसिम आजमी (Abu Asim Azmi) के निलंबन और कार्रवाई की मांग करने लगे. औरंगजेब पर दिए गए बयान के बाद समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आजमी को विधानसभा से निलंबित किया जा सकता है.
सत्तारूढ़ दल ने अबू आजमी की टिप्पणी के खिलाफ विधानसभा में विरोध प्रदर्शन किया. इसके साथ ही विधानसभा में हंगामा होने के बाद सदन की कार्यवाही तीन बार स्थगित करनी पड़ी.
'सदन में बैठने का अधिकार नहीं...'
विधानसभा के अंदर महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने भी अबू आसिम को लेकर टिप्पणी की. उन्होंने कहा, "कल अबू आजमी औरंगजेब का गुणगान कर रहे थे. यह पहली बार नहीं है कि वे औरंगजेब के बारे में अच्छी बातें कह रहे हैं. हमने उनके बयान की निंदा की. इससे पहले भी उन्होंने शिवाजी महाराज के बारे में कुछ आपत्तिजनक बयान दिए थे. उन्होंने जानबूझकर शिवाजी महाराज और संभाजी महाराज का अपमान किया."
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एकनाथ शिंदे ने आगे कहा कि संभाजी महाराज ने स्वराज्य के लिए अपनी जान दे दी. अबू आजमी देशद्रोही हैं, उन्हें इस सदन में बैठने का कोई अधिकार नहीं है. औरंगजेब ने संभाजी महाराज को 40 दिनों तक बंदी बनाकर रखा, संभाजी महाराज के नाखून और जीभ छीन ली, यहां तक कि संभाजी महाराज को यातना देने के लिए उनके शरीर पर नमक भी डाला गया. इस बर्बरता के बाद भी संभाजी महाराज ने इस्लाम स्वीकार करने से इनकार कर दिया.
एकनाथ शिंदे ने कहा, "आखिरी में मैं यही कहना चाहता हूं कि देश-धर्म पर मिटाने वाला शेर शिवा का छावा था, महापराक्रमी परमप्रतापी एक ही शंभू राजा था."
सदन में क्या-क्या हुआ?
विधानसभा का सत्र शुरू होने के बाद शिवसेना के मंत्री उदय सामंत ने अबू आजमी के निलंबन की मांग दोहराई और यहां तक कि उनके खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज करने की मांग की. शिवसेना (यूबीटी) गुट के विधायक भास्कर जाधव ने भी आजमी के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि उन्हें अपने किए पर पश्चाताप करना चाहिए और उनके खिलाफ सख्त कदम उठाए जाने चाहिए.
जैसे ही जाधव ने अपना बयान खत्म किया, सत्ता पक्ष के सदस्य एक बार फिर आक्रामक हो गए और आजमी के खिलाफ नारेबाजी करने लगे. दोनों पक्षों के बीच तीखी नारेबाजी के बीच स्पीकर ने कार्यवाही को अगले 30 मिनट के लिए स्थगित कर दिया.
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उपसभापति संजय केलकर ने सत्र को 15 मिनट के लिए स्थगित कर दिया. हालांकि, जब सत्र फिर से शुरू हुआ, तो हंगामा और बढ़ गया. सत्ता पक्ष के सदस्य नारे लगाते हुए अध्यक्ष की कुर्सी की ओर बढ़ गए.
आखिरकार, अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए हस्तक्षेप किया और पूरे दिन के लिए विधानसभा को स्थगित करने का फैसला किया.
अबू आजमी ने क्या कहा था?
एसपी नेता अबू आसिम आजमी ने कहा था कि औरंगजेब क्रूर और असहिष्णु शासक नहीं थे बल्कि उन्होंने कई मंदिरें भी बनवाई थी. औरंगजेब के बारे में गलत इतिहास दिखाया जा रहा है. औरंगजेब ने अगर मंदिर तोड़े तो की मस्जिदें भी तोड़ी थी, इसमें हिंदू-मुस्लिम करने की कोई जरूरत नहीं है.
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विधानसभा के बाहर प्रोटेस्ट
महाराष्ट्र विधानसभा के बाहर एनडीए नेताओं द्वारा अबू आजमी के खिलाफ प्रदर्शन किया. शिवसेना और सत्तारूढ़ बीजेपी गठबंधन के विधायकों ने विधानसभा की सीढ़ियों पर प्रदर्शन किया. विधायकों ने छत्रपति शिवाजी महाराज का अपमान किए जाने का दावा करते हुए अबू आसिम के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज करने और विधान भवन में उनके प्रवेश पर रोक लगाने की मांग की.
अबू आसिम आजमी पर FIR
औरंगजेब पर की गई टिप्पणी के संबंध में विधायक अबू आज़मी के खिलाफ नौपाड़ा थाने में जीरो FIR दर्ज की गई और उसे मरीन ड्राइव थाने में ट्रांसफर कर दिया गया. इसके बाद, मरीन ड्राइव थाने में आज धारा 299, 302, 356(1), 356(2) बीएनएस के तहत सीआर नंबर 59/25 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है. मामले में आगे जांच की जा रही है.
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ठाणे में प्रोटेस्ट
अबू आज़मी के बयान का असर ठाणे में भी देखा जा रहा है. मराठा क्रांति मोर्चा और सम्पूर्ण मराठा समाज द्वारा अबू आज़मी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया गया. ठाणे जिला कलेक्टर कार्यालय के बाहर लोगों ने प्रोटेस्ट किया. इस दौरान, अबू आज़मी का पुतला जलाने की भी कोशिश की गई.