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बदलापुर एनकाउंटर पर हाईकोर्ट की सख्ती, पुलिसकर्मियों पर FIR दर्ज करने को लेकर सरकार से जवाब तलब

बॉम्बे हाईकोर्ट ने बदलापुर एनकाउंटर मामले में सरकार से पूछा है कि क्या न्यायिक मजिस्ट्रेट के रिपोर्ट के आधार पर एफआईआर दर्ज करना अनिवार्य है या नहीं? हाईकोर्ट ने मजिस्ट्रेट की रिपोर्ट पर चिंता जाहिर की. हाईकोर्ट ने एमिकस क्यूरी नियुक्त किया. रिपोर्ट में एनकाउंटर का 'फर्जी' होने की बात कही गई.

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बदलापुर यौन शोषण केस का आरोपी अक्षय शिंदे (फाइल फोटो)
बदलापुर यौन शोषण केस का आरोपी अक्षय शिंदे (फाइल फोटो)

महाराष्ट्र के बदलापुर एनकाउंटर मामले की सुनवाई बुधवार को बॉम्बे हाईकोर्ट में रेवती प्रशांत मोहिते डेरे और डॉ. नीला गोखले की पीठ के समक्ष हुई. हाईकोर्ट ने न्यायिक मजिस्ट्रेट के रिपोर्ट पर सरकार से राय मांगी कि क्या एनकाउंटर में शामिल पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो या नहीं. 

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हाईकोर्ट ने एनकाउंटर के लिए जिम्मेदार पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के मुद्दे को लेकर एमिकस क्यूरी (ऐसा व्यक्ति या समूह जो किसी मामले में पक्षकार नहीं होता) नियुक्त किया. 

पुलिसकर्मियों पर एफआईआर दर्ज करने को लेकर हाईकोर्ट ने क्या कहा?

हाईकोर्ट ने बताया कि एनकाउंटर कैसे हुआ, इसे लेकर उन्हें न्यायिक मजिस्ट्रेट की एक रिपोर्ट मिली. जिसमें एनकाउंटर में पुलिस की भूमिक पर सवाल खड़ किए गए. इसी रिपोर्ट के हिसाब से यह तय किया जाना है कि क्या पुलिस के खिलाफ एफआईआर दर्ज करना अनिवार्य होगा.

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बदलापुर एनकाउंटर पर सरकार ने क्या पक्ष रखा?

बदलापुर एनकाउंटर मामले में सरकारी वकील हितेन वेनेगांवकर ने आग्रह किया है कि ठाणे सेशन कोर्ट के आदेश को राज्य सरकार ने जो चुनौती दी है उसकी शीघ्र सुनवाई की जाए. 

 

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बदलापुर एनकाउंटर
अक्षय शिंदे के माता-पिता 24 सितंबर 2024 को ठाणे में कलवा अस्पताल के बाहर, जहां पुलिस मुठभेड़ के बाद उसका शव लाया गया था (पीटीआई)

मजिस्ट्रेट की रिपोर्ट और हाईकोर्ट की चिंता

बदलापुर एनकाउंटर पर मजिस्ट्रेट की रिपोर्ट सनसनीखेज है. इसमें एनकाउंटर कैसे हुआ, कौन लोग शामिल थे इसका विवरण है. रिपोर्ट में तो एनकाउंटर को 'फर्जी' बताया गया. 

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हाईकोर्ट ने सरकार से सीधा सवाल पूछा है कि क्या न्यायिक मजिस्ट्रेट के रिपोर्ट के आधार पर एफआईआर दर्ज करना अनिवार्य है या नहीं? जिसके जवाब में सरकार ने कहा कि जांच जारी है. जांच के निष्कर्ष के आधार पर ही एफआईआर दर्ज करने का निर्णय लिया जाएगा. सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन किया जा रहा. 

बता दें कि, 23 सितंबर 2024 को, 24 साल के अक्षय शिंदे (एनकाउंटर में जिसकी मृत्यु हुई) को एक मामले में पूछताछ के लिए नवी मुंबई की तलोजा जेल से स्थानांतरित किया जा रहा था, तभी गोलीबारी हुई. पुलिस ने कहा था कि शिंदे ने उनकी पिस्तौल छीन ली और दूसरे पुलिसकर्मी की जांघ पर गोली मार दी, जिसके बाद वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक संजय शिंदे को आत्मरक्षा में उसके सिर में गोली मारनी पड़ी.

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