महाराष्ट्र की राजनीती में बीड के मस्साजोग गांव के सरपंच संतोष देशमुख के हत्या के बाद राजनीती गरमाई हुई है. महायुती के नेता एक-दूसरे पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं. आज तक से बातचीत में बीजेपी के आष्टी के विधायक सुरेश धस ने मंत्री धनंजय मुंडे पर इलेक्शन में धांधली का आरोप लगाया है. विधानसभा के चुनाव में धनंजय मुंडे के कार्यकर्ताओं ने परली में मतदाताओं को धमकाया, उनके उंगली पर जबरन स्याही लगाकर बोगस वोटिंग कराने का दावा किया है.
सुरेश धस ने आरोप लगाया कि यह महाराष्ट्र का परली पैटर्न है, जहां लोकतंत्र को कोई जगह नहीं है. बूथ कैप्चरिंग करना और लोगों को धमकाना आम बात है. अगर आप लोगों से बात करेंगे तो ऐसी कई कहानियां बाहर आएंगी. गौर करने वाली बात यह है कि सुरेश धस की पार्टी बीजेपी के सहयोगी दल के नेता के तौर पर ही धनंजय मुंडे कैबिनेट मे शामील हैं, लेकीन संतोष देशमुख की हत्या के बाद मुंडे को हटाने की जोरों की मांग विपक्ष के नेता कर रहे हैं.
बीजेपी के नेता अजित पवार गुट के मंत्री के खिलाफ क्यों हैं?
9 दिसंबर को मस्साजोग गांव के बीजेपी के युवा सरपंच संतोष देशमुख को कुछ लोगों ने अगवा कर लिया था. उसके बाद संतोष को बुरी तरह से पीटा गया. संतोष के शरीर के हर अंग पर चोट के निशान थे. इतना ही नहीं, शरीर के भीतर भी भारी चोटें थी. बाद में उसकी मृत्यु हो गई. उसके बाद पोस्ट मार्टम के दौरान संतोष की ली गई तस्वीरें वायरल हो गई, और इस बर्बरता के खिलाफ संतोष के परिवार के लोग और सारी पार्टियों ने आंदोलन शुरू कर दिया.
संतोष देशमुख की मौत के लिए अजित पवार के मंत्री धनंजय मुंडे के करीबी वाल्मिकी कराड के लोगों को जिम्मेदार ठहराया गया. बाद में पुलिस एक्शन में एनसीपी के तालुका प्रमुख विष्णू चाटे और तीन अन्य लोगों को गिरफ्तार किया गया. इनके अलावा इस केस में अन्य तीन आरोपी सुदर्शन घुले, कृष्णा आंधले पिछले 22 दिनों से फरार हैं.
धनंजय मुंडे के करीबी वाल्मिकी कराड को किया गया अरेस्ट
वाल्मिक कराड धनंजय मुंडे के साथ पिछले 25 साल से काम कर रहे हैं. परली से नगर निगम के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. धनंजय मुंडे के राजनीतीक और बिजनेस के भी पार्टनर के रूप मे वाल्मिक काम कर रहे हैं. संतोष देशमुख की हत्या के बाद वाल्मिक कराड पर उंगली उठी थी.
वाल्मिकी कराड पर विंड मिल कंपनी से जबरन उगाही करने के आरोप में मामला भी दर्ज किया गया था. इसके बाद से ही वह फरार था. हालांकि, 31 दिसंबर की सुबह वाल्मिकी ने खुद सीआईडी ऑफिस में सरेंडर कर दिया. अब आगे की जांच सीआईडी टीम कर रही है, यह तलाश कर रही है कि इस पूरे मामले में वाल्मिकी कराड की मदद किसने की.
क्या है पूरा मामला?
वाल्मिक कराड ने आवादा विंड मिल कंपनी से दो करोड़ रुपये की फिरौती मांगी थी, लेकीन कंपनी कोई रिस्पॅान्स नहीं दे रही थी. कंपनी का ॲाफिस सरपंच संतोष देशमुख के गांव मस्साजोग में है. गांव के कुछ लोग सुरक्षाकर्मी के तौर पर काम कर रहे हैं. आरोप यह है कि वाल्मिक के लोगों ने सुरक्षाकर्मी की पिटाई की. उन्हें छुड़वाने के लिए संतोष गांव के लोगों के साथ वहां आए, और दोनों गुटों में मारपीट हो गई. इसी का बदला लेने के लिए वाल्मिक के करीबी लोगों ने संतोष को अगवा किया और आरोप है कि हत्या कर दी.