महाराष्ट्र में भड़की हुई हिंसा तो शांत हो गई है, लेकिन इस पर राजनीति लगातार जारी है. महाराष्ट्र बंद बुलाने वाले दलित नेता प्रकाश अंबेडकर ने एक बार फिर मुख्यमंत्री देंवेंद्र फडणवीस से अपील की है कि जल्द से जल्द संभाजी भिड़े को गिरफ्तार किया जाए. प्रकाश अंबेडकर ने कहा कि दलितों का गुस्सा तबतक शांत नहीं होगा, जबतक संभाजी भिड़े और मिलिंद एकबोते को गिरफ्तार नहीं किया जाएगा.
गुरुवार को मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद उन्होंने कहा कि सरकार इस बात पर राजी हुई है कि वह प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कड़े एक्शन नहीं लेगी. उन्होंने कहा कि सरकार हमारी मांगों को मानने के लिए तैयार हुई है. उन्होंने बताया कि बंद के दौरान हम अपने प्रदर्शनकारियों का गुस्सा शांत रख पाए, लेकिन ऐसा ज्यादा दिनों तक नहीं चल पाएगा.
भीमा-कोरेगांव लड़ाई की सालगिरह पर भड़की हिंसा का असर समूचे महाराष्ट्र पर पड़ा है. बुधवार को दलित नेता प्रकाश अंबेडकर की अगुवाई में कई संगठनों ने राज्य बंद बुलाया. इस दौरान मुंबई समेत कई इलाकों में हिंसा हुई. मुंबई पुलिस ने कुल 25 लोगों पर एफआईआर दर्ज की है, इसके अलावा कुल 300 लोगों को हिरासत में लिया गया है. मुंबई पुलिस ने दलित नेता जिग्नेश मेवाणी और छात्र नेता उमर खालिद को नोटिस जारी किया है, उनके सार्वजनिक भाषण पर रोक लगाई गई है. जिग्नेश मेवाणी शुक्रवार को दिल्ली में प्रेस से बात करेंगे और इस मुद्दे पर अपनी सफाई पेश करेंगे.
संभाजी भिड़े गुरुजी के बारे में जानेंWill address the media today at Delhi at 1:00 at Press Club on Bhima-koreganv and frivolous complaint against me.#BhimaKoregaon #JigneshMevani
— Jignesh Mevani (@jigneshmevani80) January 5, 2018
85 साल के संभाजी भिड़े गुरुजी महाराष्ट्र के सांगली जिले से आते हैं. गुरुजी के नाम से मशहूर संभाजी पुणे यूनिवर्सिटी से एमएससी (एटॉमिक साइंस) में गोल्ड मेडलिस्ट हैं. इसके अलावा वो मशहूर फर्ग्युसन कॉलेज में फिजिक्स के प्रोफेसर रह चुके हैं. साइकिल पर चलने वाले गुरुजी पैरों में चप्पल तक नहीं पहनते. कहा जाता है कि गुरुजी ने आजतक जिस भी नेता का चुनाव में समर्थन किया उसकी जीत हुई. हालांकि, गुरुजी कभी किसी राजनीतिक दल से नहीं जुड़े.
कौन हैं मिलिंद एकबोटे?
मिलिंद एकबोटे पर पर 12 केस दर्ज हैं. इनमें दंगा फैलाने समेत कई आपराधिक मामले शामिल हैं. इसके पहले एकबोटे ने पुणे में पार्षद रहते हुए एक मुस्लिम पार्षद से हज हाउस बनाने को लेकर हाथापाई भी की थी. भिड़े और एकबोटे सरकार से लंबे समय से सरकारी रिकॉर्ड में गणपत महार का इतिहास बदलने की मांग करते आए हैं. उनका कहना है कि इस मामले में सरकार तथ्यों को दोबारा जांचे. फिर उसके मुताबिक सही इतिहास लोगों तक पहुंचाए.
प्रकाश अंबेडकर की अगुवाई में हुआ था बंद
बता दें कि दलित नेता प्रकाश अंबेडकर की अगुवाई में बुधवार को महाराष्ट्र बंद बुलाया गया था, जिसका कई संगठनों ने समर्थन किया था. इस दौरान मुंबई के मशहूर डब्बावाले, स्कूल बसों की सर्विस बंद रही थी. प्रकाश अंबेडकर ने देर शाम बंद को सफल बताते हुए इसे वापस लिया था.
कब शुरू हुई हिंसा, सरकार ने दिए न्यायिक जांच के आदेश
मालूम हो कि बीते सोमवार को भीमा-कोरेगांव लड़ाई के 200 साल पूरे होने की खुशी में कार्यक्रम आयोजित किया गया था. इस बीच अचानक हिंसा भड़क गई. इस हिंसा में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी, जिसके बाद यह हिंसा पूरे महाराष्ट्र में फैल गई. पुणे, अकोला, औरंगाबाद और ठाणे से लेकर मुंबई तक में हालात बेकाबू हो गए. इसके बाद राज्य सरकार ने घटना की न्यायिक जांच के आदेश दिए.
आखिर क्या है भीमा कोरेगांव की लड़ाई?
भीमा कोरेगांव की लड़ाई एक जनवरी 1818 को पुणे स्थित कोरेगांव में भीमा नदी के पास उत्तर-पू्र्व में हुई थी. यह लड़ाई महार और पेशवा सैनिकों के बीच लड़ी गई थी. अंग्रेजों की तरफ 450 महार समेत कुल 500 सैनिक थे और दूसरी तरफ पेशवा बाजीराव द्वितीय के 28,000 पेशवा सैनिक थे. सिर्फ 500 सैनिकों ने पेशवा की शक्तिशाली 28 हजार मराठा फौज को हरा दिया था.
हर साल नए साल के मौके पर महाराष्ट्र और अन्य जगहों से हजारों की संख्या में पुणे के परने गांव में दलित पहुंचते हैं. यहीं वो जयस्तंभ स्थित है, जिसे अंग्रेजों ने उन सैनिकों की याद में बनवाया था, जिन्होंने इस लड़ाई में अपनी जान गंवाई थी. कहा जाता है कि साल 1927 में डॉ. भीमराव अंबेडकर इस मेमोरियल पर पहुंचे थे, जिसके बाद से अंबेडकर में विश्वास रखने वाले इसे प्रेरणा स्त्रोत के तौर पर देखते हैं.