महाराष्ट्र के भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर पलटवार किया. साथ ही आरोप लगाया कि शिवसेना ने इमरजेंसी के ऐलान के वक्त तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के साथ समझौता किया था. दरअसल, उद्धव ठाकरे ने शिवसेना की दशहरा रैली के दौरान संघ और भाजपा पर निशाना साधा था.
चंद्रकांत पाटिल ने कहा, ठाकरे संघ पर यह कहकर निशाना साध रहे हैं कि उन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन में हिस्सा नहीं लिया. मैं ये जानना चाहता हूं कि जब शिवसेना कहां थी, जब उन इंदिरा गांधी के साथ समझौता किया जा रहा था, जिन्होंने इमरजेंसी लगाई, कई नेताओं , कार्यकर्ताओं और पत्रकारों को जेल भेजा. उन्होंने लोकतंत्र की हत्या की कोशिश की.
'केंद्र ने महामारी के वक्त मदद की'
पाटिल ने कहा, ठाकरे ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा. लेकिन वे जानबूझकर ये भूल गए कि कोरोना महामारी के वक्त पीपीई किट, मास्क, वैक्सीन और वेंटिलेटर के तौर पर केंद्र से ही महाराष्ट्र को मदद मिली. उन्होंने कहा, जहां ठाकरे ने प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित किसानों के लिए 10,000 करोड़ रुपए की आर्थिक मदद की घोषणा के लिए खुद की तारीफ कर रहे हैं, वहीं देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली पिछली सरकार ने गैर-सिंचित भूमि पर फसलों के लिए 20,400 रुपए प्रति हेक्टेयर, फसलों के लिए 54,000 रुपए प्रति हेक्टेयर की सहायता दी थी. सिंचित भूमि के लिए रु. 75,000 प्रति हेक्टेयर की मदद दी थी.
महाराष्ट्र विधान परिषद में विपक्ष के नेता प्रवीण दारेकर ने कहा, ''मैं मुख्यमंत्री ठाकरे से कुछ विकास संबंधी घोषणाओं की उम्मीद कर रहा था. लेकिन वे केंद्र सरकार पर ठीकरा फोड़ते रहे.
उद्धव ने साधा था संघ पर निशाना
उद्धव ठाकरे ने संघ प्रमुख मोहन भागवत को लखीमपुर हिंसा की याद दिलाई. कुछ दिन पहले ही भागवत ने कहा था कि इस बात पर किसी को शक नहीं होना चाहिए कि सभी के पूर्वज एक थे. अब इसी बयान पर उद्धव ठाकरे ने पलटवार करते हुए कहा कि भागवत कहते हैं कि हम सभी के पूर्वज एक हैं. अगर ऐसा है तो ये भी बता दीजिए कि लखीमपुर में प्रदर्शन कर रहे किसानों का पूर्वज कौन है? इसके बाद उद्धव ने बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा कि कुछ लोगों की सत्ता की भूख ड्रग्स एडिक्शन जैसी हो गई है.