महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर सस्पेंस बरकरार है. इस बीच आज दिल्ली में कांग्रेस नेता पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलने वाले हैं. इस मुलाकात में शिवसेना का समर्थन करने के मुद्दे पर सोनिया की राय जानी जाएगी, क्योंकि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) नेता शरद पवार के साथ शिवसेना नेता संजय राउत की मुलाकात से महाराष्ट्र में अटकलों का बाजार गर्म है.
सूत्रों के मुताबिक मुलाकात के दौरान एनसीपी के सीनियर नेता अजीत पवार, धनंजय मुंडे, सुप्रिया सुले, प्रफुल्ल पटेल और सुनील तटकरे भी मौजूद थे. सरकार बनाने को लेकर बीजेपी-शिव सेना के रिश्तों में जारी तनाव के बीच हुई इस मुलाकात में महाराष्ट्र की राजनीति में नई अटकलों को जन्म दे दिया. हालांकि अटकलों को खारिज करते हुए संजय राउत ने आजतक से कहा कि ये महज शिष्टाचार मुलाकात थी.
साथ आए फिर भी पड़ेगी तीसरे दल की जरूरत
उधर एनसीपी नेता धनंजय मुंडे ने भी मुलाकात को लेकर अटकलों को खारिज करते हुए कहा कि हमें विपक्ष में बैठने का जनादेश मिला है. एनसीपी की तरफ से किसी तरह के प्रस्ताव का सवाल नहीं उठता. यानी, शिव सेना और एनसीपी के दावे पर यकीन करें तो दोनों दलों के बीच कोई सियासी खिचड़ी नहीं पक रही. वैसे दोनों दल साथ आ भी जाएं तो भी उन्हें बहुमत के लिए किसी तीसरे दल के साथ की जरूरत होगी.
ये है सीटों का गणित
288 सीटों वाली महाराष्ट्र विधानसभा में बहुमत के लिए 145 सीट चाहिए. शिव सेना के 56 और एनसीपी 54 विधायक हैं. यानी कुल 110 विधायक ही होते हैं जो बहुमत के मैजिक नंबर से 35 कम है. ऐसे में उन्हें कांग्रेस के 44 विधायकों के समर्थन की जरुरत होगी. कांग्रेस ने फिलहाल पत्ते नहीं खोले हैं लेकिन पार्टी के राज्य सभा सदस्य हुसैन दलवी ने ये कहकर अटकलों को गरमा दिया है कि शिवसेना अगर किसी प्रस्ताव के साथ आए तो कांग्रेस को इस पर विचार करना चाहिए.
8 दिन बाद भी सीएम पर फैसला नहीं
सूत्रों के मुताबिक शरद पवार ने कांग्रेस नेताओं से इस मुद्दे पर सोनिया गांधी की स्पष्ट राय मांगी है. सूत्रों के मुताबिक आज कांग्रेस के कुछ नेता इस मसले पर सोनिया गांधी से मिल सकते हैं. महाराष्ट्र विधानसभा के चुनावी नतीजे आए आठ दिन हो गए हैं लेकिन शिव सेना की ढाई-ढाई साल के सीएम की मांग की वजह से गाड़ी अटक गई है. अब तक संजय राउत तो बोल ही रहे थे कल शिवसेना सुप्रीमो उद्धव ठाकरे ने भी अपने तेवर सख्त कर लिए.
अपनी मांग पर अड़ी शिवसेना
शिवसेना विधायक दल की बैठक में उद्धव ठाकरे ने ताल ठोंकने के अंदाज में कहा कि बीजेपी से बातचीत फाइनल नहीं हुई है. जो तय हुआ था उससे कम या ज्यादा कुछ नहीं चाहिए. अगर फडणवीस सच बोल रहे हैं तो क्या मैं झूठ बोल रहा हूं? सूत्रों के मुताबिक बीजेपी पचास-पचास के फॉर्मूले के लिए कतई राजी नहीं. 2.5-2.5 साल के सीएम का प्रस्ताव बीजेपी ने नामंजूर कर दिया है. बीजेपी पसंद का मंत्रालय भी देने को तैयार नहीं है. सिर्फ डिप्टी सीएम के पद पर रजामंदी है.
एकनाथ शिंदे चुने गए शिवसेना विधायक दल नेता
इस बीच बुधवार को बीजेपी विधायक दल ने देवेंद्र फडणवीस को अपना नेता चुना तो गुरुवार को एकनाथ शिंदे शिव सेना विधायक दल के नेता चुने गए. उनके नाम का प्रस्ताव आदित्य ठाकरे ने रखा था. इस घटनाक्रम से एक बड़ा सवाल ये भी उभर रहा है कि फिर नई सरकार में आदित्य ठाकरे की क्या भूमिका होगी?