महाराष्ट्र विधानसभा का बजट सत्र सोमवार से शुरू हो गया है. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे सरकार का यह पहला बजट सत्र है. महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बजट सत्र की पूर्व संध्या पर होने वाली राज्य सरकार की पारंपरिक चाय पार्टी का बहिष्कार करते हुए शामिल नहीं हुए. वहीं, मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) पर अपना स्टैंड साफ कर दिया है, लेकिन एनपीआर पर सहयोगी दलों के साथ बैलेंस बनाने की कवायद करेंगे.
महाराष्ट्र विधानसभा के बजट सत्र की पूर्व संध्या पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा कि नागरिकता कानून किसी की नागरिकता नहीं छीनता है और इससे किसी डरने की जरुरत नहीं. सीएए-एनआरसी-एनपीआर इन मुद्दों पर मैंने अपने रुख साफ कर दिए हैं और सहयोगी दल कांग्रेस और एनसीपी के साथ भी इस पर बात की है. उन्होंने कहा कि तीनों दलों (शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी) के सीनियर नेता बैठकर इसके राज्य में लागू होने में संभावित कठिनाईयों पर चर्चा करेंगे.
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उद्धव ठाकरे ने एनसीपी प्रमुख शरद पवार और उपमुख्यमंत्री अजित पवार के साथ यहां अपने आधिकारिक निवास पर बैठक कर इन मुद्दों पर चर्चा की है. हालांकि, एपीआर का समर्थन करने के कुछ ही दिन बाद ठाकरे ने तीनों सत्ताधारी दलों के सदस्यों की तरफ से उच्चस्तरीय समिति का ऐलान किया है जो राज्य में इसके लागू होने से पहले उसका अध्ययन करेगी.
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सीएए, एनपीआर और एनआरसी लागू करने के मुद्दे पर उद्धव ठाकरे ने केंद्र से बात करने पर सहमति बनी है. ऐसे में अब तीन दलों की सरकार ऐसे मुद्दों से बचने की कोशिश कर रही है, जिससे बजट सत्र के दौरान गठबंधन को किसी तरह से नुकसान पहुंचे.
शुक्रवार को दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुलाकात के बाद ठाकरे ने कहा था कि किसी को भी सीएए से डरने की जरूरत नहीं है, क्योंकि यह किसी को देश से बाहर करने के बारे में नहीं है. उन्होंने यह भी कहा था कि देश में ऐसा माहौल बनाया जा रहा है कि एनआरसी मुस्लिमों के लिए खतरनाक है. उन्होंने कहा था कि महाराष्ट्र में एनआरसी की प्रक्रिया नहीं होगी.