महाराष्ट्र सरकार और केंद्र सरकार के बीच कई विषयों पर विवाद जारी है. अब ताजा नया मामला केंद्र सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट बुलेट ट्रेन को लेकर है. ठाणे म्युनसिपल कॉर्पोरेशन ने बीते दिन बुलेट ट्रेन के लिए 2000 हेक्टेयर भूमि का मुआवजा देने से इनकार कर दिया है. जिसके बाद एक बार फिर बीजेपी और शिवसेना आमने-सामने हैं.
दरअसल, ठाणे का म्युनसिपल कॉर्पोरेशन शिवसेना के हाथ में ही है. ऐसे में जब मुंबई-अहमदाबाद रूट पर चलने वाली बुलेट ट्रेन की जमीन को लेकर यहां मुआवजे का प्रस्ताव आया तो कॉर्पोरेशन ने ठुकरा दिया है.
अबतक ऐसा चार बार हो चुका है, जब इस प्रस्ताव को रोका गया है. ऐसे में अब नियम के मुताबिक, अगले तीन महीने तक दोबारा इस तरह का प्रस्ताव पेश नहीं किया जा सकता है.
इस प्रस्ताव के ठुकराए जाने के बाद भारतीय जनता पार्टी ने फिर शिवसेना पर हमला बोला है. बीजेपी के नेता राम कदम का कहना है कि शिवसेना विकास के विरोध में काम कर रही है. बीजेपी की ओर से कहा गया है कि म्युनसिपल हो या फिर राज्य सरकार शिवसेना विकास विरोधी नीति के साथ काम कर रही है.
Maharashtra: Thane Municipal Corporation yesterday rejected a proposal of land compensation of around 2000 hectare land in Thane for bullet train route.
— ANI (@ANI) December 24, 2020
आपको बता दें कि लंबे वक्त से शिवसेना और बीजेपी में आर-पार की जंग चल रही है. एक ओर जहां अब शिवसेना ने बुलेट ट्रेन के प्रोजेक्ट में अड़ंगा लगाया है, तो वहीं पहले केंद्र सरकार और बीजेपी की ओर से लगातार मुंबई के मेट्रो प्रोजेक्ट पर सवाल खड़े किए गए हैं.
महाराष्ट्र सरकार मुंबई में आरे के जंगलों के पास से मेट्रो शेड प्रोजेक्ट को हटाकर कहीं और ले जाना चाहती है. लेकिन बीजेपी को इस पर आपत्ति है. बीते दिनों राज्य सरकार ने जिस नए स्थान का चयन किया था, वहां पर केंद्र ने अपना अधिकार बताया था.
आपको बता दें कि मुंबई से अहमदाबाद तक चलने वाली बुलेट ट्रेन देश की पहली ऐसी ट्रेन होगी. 2024 तक इस रूट का कुछ हिस्सा चालू करने पर विचार है, हालांकि विवादों के कारण इसका काम कछुए की रफ्तार से ही चल रहा है.