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महाराष्ट्र उपचुनाव: शिवसेना, एनीसीपी की सीटें बरकरार

महाराष्ट्र में दो सीटों पर हुए विधानसभा उपचुनाव में शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने अपना कब्जा बरकरार रखा है. बांद्रा सीट पर शिवसेना उम्मीदवार तृप्ति सावंत ने जीत दर्ज की, वहीं सांगली जिले के तासगांव सीट पर एनसीपी की सुमन पाटिल ने जीत दर्ज की.

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शि‍वसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के साथ तृप्ति‍ सावंत (बीच में)
शि‍वसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के साथ तृप्ति‍ सावंत (बीच में)

महाराष्ट्र में दो सीटों पर हुए विधानसभा उपचुनाव में शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने अपना कब्जा बरकरार रखा है. बांद्रा सीट पर शिवसेना उम्मीदवार तृप्ति सावंत ने जीत दर्ज की, वहीं सांगली जिले के तासगांव सीट पर एनसीपी की सुमन पाटिल ने जीत दर्ज की.

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शिवसेना के दिवगंत नेता बाला सावंत की पत्नी तृप्ति ने 19,000 वोटों के अंतर से पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे को हराया. इस सीट पर मजलिस-ए-इत्तेहादुल-मुसलिमीन (एआईएमआईएम) के राजा राहबर खान तीसरे स्थान पर रहे.

पूर्व उप मुख्यमंत्री आरआर पाटिल की विधवा सुमन पाटिल ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी बीजेपी के स्वप्निल पाटिल को 112,000 लाख मतों के अंतर से हराया. बांद्रा पूर्व सीट शिवसेना के कद्दावर नेता और विधायक बाला सावंत के निधन के कारण, जबकि तासगांव सीट विधायक व पूर्व उप मुख्यमंत्री आरआर पाटिल के निधन के कारण खाली हो गई थी.

लोगों को समर्पित है जीत: शि‍वसेना
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा, 'हम इस जीत को बांद्रा के लोगों को समर्पित करते हैं.' तीसरे स्थान पर आए एआईएमआईएम के उम्मीदवार की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि यहां तक कि मुसलमान मतदाताओं ने भी वोट बैंक की राजनीति का प्रयास करने वाली उस पार्टी को नकार दिया.

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लोगों ने भावनात्मक अधार पर वोट किया: राणे
चुनाव के नतीजे को राणे के राजनीतिक भविष्य को झटके के रूप में देखा जा रहा है. प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए राणे ने कहा, 'मैं लोगों का जनादेश स्वीकार करता हूं. उन्होंने भावनात्मक आधार पर वोट दिया न कि विकास के आधार पर, जो मेरा मुद्दा था. मैं कांग्रेस कार्यकर्ताओं व नेताओं का शुक्रगुजार हूं, जिन्होंने नए उत्साह के साथ मेरा सहयोग किया. हालांकि मुझे किसी को यह सलाह देने की जरूरत नहीं है कि मुझे भविष्य में क्या करना चाहिए.'

महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष अशोक चव्हाण ने हार को महत्व न देते हुए कहा कि राणे मजबूत नेता हैं और हार उन्हें डिगा नहीं सकती. चव्हाण ने कहा, 'वह पार्टी के एक वरिष्ठ नेता हैं और भविष्य में हमारा नेतृत्व जारी रखेंगे. चुनाव परिणाम का उनके भविष्य पर प्रभाव डालने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता.'

प्रदेश में चव्हाण द्वारा कांग्रेस की पतवार थामने और दो महीने पहले ही संजय निरूपम को मुंबई कांग्रेस का अध्यक्ष बनाने के बाद यह चुनाव कांग्रेस के लिए बेहद महत्वपूर्ण था.

-इनपुट IANS से

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