Maharashtra Cabinet Expansion महाराष्ट्र में आखिरकार एकनाथ शिंदे कैबिनेट का विस्तार हो गया है. 40 दिनों के मंथन और इंतजार के बाद बीजेपी-शिंदे गुट में फिफ्टी-फिफ्टी का फॉर्मूला बना. शिंदे कैबिनेट में कुल 18 मंत्रियों ने शपथ ली, जिसमें बीजेपी कोटे से 9 और शिंदे गुट से 9 मंत्री शामिल हैं. इस विस्तार के साथ ही महाराष्ट्र मंत्री परिषद के सदस्यों की संख्या बढ़कर 20 हो गई है.
शिंदे कैबिनेट विस्तार में भले ही किसी भी महिला नेता को मंत्री बनने का मौका न मिल सका हो, लेकिन एकनाथ शिंदे और बीजेपी ने सामाजिक समीकरण साधने की कवायद जरूर की है. कैबिनेट में मराठा और ओबीसी समुदाय से आने वाले नेताओं को खास तवज्जो मिली है तो ब्राह्मण के साथ-साथ मुस्लिम, दलित और आदिवासी समुदाय को भी जगह देकर एक मजबूत सोशल इंजीनियरिंग बनाने की कोशिश की गई है.
राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने कुल 18 विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई है. बीजेपी कोटे से मंत्रिमंडल में जगह पाने वाले में चंद्रकांत पाटिल, सुधीर मुनगंटीवार, गिरीश महाजन, सुरेश खाड़े, राधाकृष्ण विखे पाटिल, रवींद्र चव्हाण, मंगल प्रभात लोढ़ा, विजयकुमार गावित और अतुल सावे शामिल है. वहीं, शिंदे खेमे से दादा भुसे, संदीपन भुमरे, उदय सामंत, तानाजी सावंत, अब्दुल सत्तार, दीपक केसरकर, गुलाबराव पाटिल, संजय राठौड़ और शंभूराजे देसाई ने मंत्री पद की शपथ ली.
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस के साथ महाराष्ट्र सरकार में कुल 20 मंत्री हो गए हैं. मंगलवार को बीजेपी-शिंदे गुट के 9-9 नेताओं ने मंत्री पद की शपथ ली है और दोनों ही खेमे ने अपने-अपने लिहाज से सियासी समीकरण बनाने की कवायद की है. बीजेपी ने मराठा और ओबीसी दोनों समुदाय से बराबर जगह दी है, जबकि एकनाथ शिंदे ने मराठा समुदाय पर खास फोकस रहा.
बीजेपी कोटे से बने मंत्रियों की फेहरिश्त देखें तो 3 मराठा, 3 ओबीसी, एक आदिवासी समाज और एक अनुसूचित जाति से मंत्री बनाया गया है. इसके अलावा एक गैर-मराठी नेता मंगल प्रभात लोढ़ा को मंत्री बनाया गया है, जबकि उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ब्राह्मण समुदाय से हैं.
वहीं, सीएम एकनाथ शिंदे खेमे से मंत्री बनने वाले नेताओं की फेहरिश्त को देखें तो सबसे ज्यादा तवज्जो मराठा समुदाय से आने वाले नेताओं को दी गई है. मराठा समुदाय से पांच मंत्री बने हैं तो ओबीसी, मुस्लिम, आदिवासी और ब्राह्मण समाज से एक-एक मंत्री बनाए गए हैं. इस तरह बीजेपी और एकनाथ शिंद ने महाराष्ट्र के सियासी समीकरण को देखते हुए मंत्रियों को जगह दी है.
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के साथ आए विधायकों में 8 पूर्व मंत्री हैं. इनमें से 4 महा विकास आघाडी सरकार में कैबिनेट मंत्री थे, जबकि चार राज्य मंत्री थे. शिंदे के साथ आए विधायक में 9 को जगह मिल गई है, लेकिन उद्धव की सरकार में मंत्री रहे कई नेताओं को जगह नहीं मिल सकी हैं. प्रहार जनशक्ति पार्टी से विधायक बच्चू कडू और निर्दलीय विधायक राजेंद्र यादवकर को मंत्री पद नहीं मिला, जबकि दोनों ही नेता उद्धव सरकार में मंत्री रहे हैं.
शिंदे कैबिनेट में क्षेत्रीय संतुलन
शिंदे कैबिनेट में सामाजिक समीकरण के साथ-साथ क्षेत्रीय संतुलन बनाने की कोशि भी की गई है. महाराष्ट्र के औरंगाबाद को सबसे ज्यादा मंत्री पद मिले हैं. औरंगाबाद शिंदे गुट से संदीपन भुमरे और अब्दुल सत्तार को जगह मिली है तो बीजेपी से अतुल सावे शामिल हैं. इसके अलावा ठाणे इलाके से लेकर मराठावाड़ा और विदर्भ के नेताओं को कैबिनेट में जगह देकर सियासी संतुलन बनाने की कोशिश की गई है.
बता दें कि 30 जून को एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस ने शपथ ली थी. तब से ही दोनों सरकार चला रहे थे, लेकिन 40 दिन के बाद अब कैबिनेट विस्तार हुआ. हालांकि, अभी भी साफ नहीं हो पाई है कि किस नेता को कौन सा मंत्रालय किसे दिया जाएगा, लेकिन चर्चाएं हैं कि डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस को होम मिनिस्ट्री मिल सकती है. साथ ही बीजेपी खेमे से सुधीर मुनगंटीवार, राधाकृष्ण विखे पाटिल, गिरीश महाजन, अतुल सावे जैसे नेताओं को अहम मंत्रालय मिल सकते हैं.