मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मुगल बादशाह औरंगजेब की प्रशंसा करने वाले अपने बयान को लेकर विवादों में घिरे मुंबई के मानखुर्द-शिवाजी नगर से सपा विधायक अबू आसिम आजमी की सख्त लहजे में आलोचना की. उन्होंने महाराष्ट्र विधान परिषद में कहा कि आजमी को 100 परसेंट जेल में डाला जाएगा. बता दें कि सपा विधायक को उनकी टिप्पणी के लिए महाराष्ट्र विधानसभा से निलंबित किया गया है.
सत्ता पक्ष के सदस्यों ने विधानसभा में जोर देकर कहा कि औरंगजेब की प्रशंसा मराठा राजा छत्रपति शिवाजी महाराज और उनके योद्धा-पुत्र छत्रपति संभाजी महाराज का अपमान है, दोनों महाराष्ट्र में सम्मानित महापुरुष हैं, जिन्हें राज्य में पूजा जाता है. 26 मार्च को चालू बजट सत्र समाप्त होने तक विधानसभा से निलंबित अबू आसिम आजमी ने कार्रवाई का विरोध करते हुए कहा कि अपनी विवादास्पद टिप्पणी वापस लेने के बावजूद उन्हें दंडित किया गया है.
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आजमी को 100 प्रतिशत जेल में डाला जाएगा: फडणवीस
विधान परिषद में, जब नेता प्रतिपक्ष शिव सेना (यूबीटी) के अंबादास दानवे ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से पूछा कि अबू आजमी को उनकी टिप्पणी के लिए जेल क्यों नहीं भेजा गया, तो उन्होंने कहा, 'आजमी को 100 प्रतिशत जेल में डाला जाएगा.' देवेंद्र फडणवीस ने कहा, 'चाहे अबू आजमी हों या कोई और, छत्रपति संभाजी महाराज का अपमान करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा. जरूरत पड़ी तो हम ऊपरी अदालत में जाएंगे.'
उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, 'जितेंद्र अव्हाड ने भी छत्रपति शिवाजी महाराज का अपमान करते हुए कहा था कि वह औरंगजेब से छोटे हैं और औरंगजेब विशाल और अच्छे कद काठी का था. क्या किसी ने आव्हाड का विरोध किया? निंदा करते समय आप चयनात्मक नहीं हो सकते. इसी तरह, नेहरू की किताब द डिस्कवरी ऑफ इंडिया में भी छत्रपति शिवाजी महाराज के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी है. क्या विपक्ष इसके खिलाफ बोलेगा. क्या उनमें नेहरू की निंदा करने की हिम्मत है?'
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अबू आजमी को विधानसभा से बाहर करो: उद्धव ठाकरे
शिवसेना (यूबीटी) सुप्रीमोउद्धव ठाकरे ने कहा कि किसी को भी राष्ट्रीय प्रतीकों और महापुरुषों के खिलाफ बोलने की हिम्मत नहीं करनी चाहिए और यह सरकार की जिम्मेदारी है कि उनके खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए. उद्धव ठाकरे ने मांग की कि अबू आजमी को स्थायी रूप से विधानसभा से निलंबित किया जाना चाहिए. अबू आजमी ने एक वीडियो संदेश जारी करके कहा, 'मैंने कुछ भी गलत नहीं कहा है, लेकिन सदन ठीक चले यह सुनिश्चित करने के लिए, मैंने विधानसभा के बाहर की गई अपनी टिप्पणियों को वापस ले लिया है. फिर भी मुझे विधानसभा से निलंबित कर दिया गया.' आजमी ने औरंगजेब की प्रशंसा करते हुए कहा था कि मुगल बादशाह के शासनकाल में भारत की सीमा अफगानिस्तान और बर्मा (म्यांमार) तक पहुंच गई थी.
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सपा विधायक ने दावा किया, 'औरंगजेब के शासनकाल में हमारी जीडीपी (विश्व जीडीपी का) 24 प्रतिशत थी और भारत को सोने की चिड़िया कहा जाता था.' औरंगजेब और मराठा राजा छत्रपति संभाजी महाराज के बीच हुए युद्ध के बारे में पूछे जाने पर आजमी ने इसे राजनीतिक लड़ाई करार दिया था. उनकी टिप्पणियों को लेकर राज्य विधानमंडल के दोनों सदनों में जमकर बवाल हुआ. सत्ता पक्ष के सदस्यों ने आजमी के निलंबन और उनके खिलाफ देशद्रोह का केस दर्ज की मांग की.