कांग्रेस सेवादल के कार्यक्रम में विनायक सावरकर पर लिखी किताब बांटी गई, जिस पर बवाल मचा हुआ है. वहीं इस किताब को लेकर सावरकर के पोते रंजीत सावरकर विरोध दर्ज करा चुके हैं. अब इस मामले पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे रंजीत सावरकर से बिना मुलाकात किए ही मंत्रालय से निकल गए.
सावरकर के पोते रंजीत सावरकर इस किताब से खुश नहीं हैं और तुरंत इस पर रोक लगाने की मांग की है. साथ ही रंजीत ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से अपील की है कि वह राज्य में इस किताब पर बैन लगा दें. रंजीत सावरकर ने अपील की है कि इस मामले में सेक्शन 120, 500, 503, 504, 505 और 506 के तहत केस दर्ज किया जाना चाहिए.
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे को भी इस मामले में दखल देना चाहिए और एक्शन लिया जाना चाहिए. रंजीत सावरकर ने कहा कि मध्य प्रदेश में ऐसी किताबें कांग्रेस ही बांट रही है, उनकी ओर से लगातार इस तरह का प्रयास किया जा रहा है. ऐसे में शिवसेना को कांग्रेस के सामने आपत्ति दर्ज करानी चाहिए.
राहुल गांधी के खिलाफ मुकदमा दर्ज हो
सावरकर के पोते रंजीत सावरकर ने मुख्यमंत्री कार्यालय में एक पत्र दिया है. सावरकर के पत्र में मांग की गई है कि राहुल गांधी और सेवा दल के खिलाफ भारतीय दंड संहिता के तहत राष्ट्रीय शख्सियत का अपमान करने का मुकदमा दर्ज किया जाए.
क्या है मामला?
मध्य प्रदेश के भोपाल में कांग्रेस के सेवादल की बैठक हुई. इस बैठक में विनायक सावरकर को लेकर एक किताब बांटी गई. इस किताब का शीर्षक था ‘वीर सावरकर, कितने वीर?’ इसमें लिखे गए तथ्यों पर विवाद मचा हुआ है.