महाराष्ट्र में इस साल जनवरी से अब तक 823 सांप्रदायिक घटनाएं सामने आई हैं. पुलिस अधिकारियों के अनुसार, नागपुर में हुई हिंसा, औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग और सोशल मीडिया पर फैलाई गई झूठी खबरों के कारण राज्य में कई जगहों पर सांप्रदायिक तनाव बढ़ा है.
हाल ही में नंदुरबार, पुणे (ग्रामीण), रत्नागिरी, सांगली, बीड और सतारा जैसे जिलों में भी सांप्रदायिक घटनाएं दर्ज की गई हैं. राज्य में इस साल अब तक 4,836 हिंदू-मुस्लिम से जुड़े विवाद सामने आए, जिनमें से 170 मामले गंभीर और 3,106 गैर-गंभीर थे.
नागपुर में हिंसा और सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट
17 मार्च को नागपुर में बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद द्वारा औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया गया था, जिसके बाद कुछ इलाकों में हिंसा भड़क गई. इस दौरान सोशल मीडिया पर फैलाई गई अफवाहों ने भी स्थिति को और बिगाड़ दिया.
महाराष्ट्र साइबर पुलिस ने 144 भड़काऊ पोस्ट की पहचान की, जिनमें से 37 लिंक हटाए गए और 107 पर कार्रवाई की गई.
रत्नागिरी में मस्जिद के पास हंगामा
रत्नागिरी के राजापुर में होली के जुलूस के दौरान कुछ लोगों ने कथित रूप से मस्जिद के सामने नारेबाजी की और गेट को नुकसान पहुंचाया. इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिससे इलाके में तनाव फैल गया. हालांकि, स्थानीय लोग इसे अपवाद मानते हैं और कहते हैं कि कोंकण क्षेत्र में हमेशा से हिंदू-मुस्लिम सौहार्द रहा है.
कोंकण में हिंदू-मुस्लिम एकता की परंपरा
राजापुर के रहने वाले मुन्ना सुरवे ने बताया कि वहां हिंदू और मुस्लिम त्योहारों को मिलकर मनाने की परंपरा रही है. ईद पर हिंदू अपने मुस्लिम दोस्तों के घर जाते हैं, वहीं गणेश उत्सव, होली और पालखी जुलूस में मुस्लिम भी शामिल होते हैं.
रत्नागिरी के अली मियां काजी ने कहा कि कुछ राजनीतिक लोग इस सद्भावना को खत्म करना चाहते हैं और भड़काऊ बयान देकर माहौल खराब करते हैं. उन्होंने अपील की कि सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने के लिए लोग अफवाहों पर ध्यान न दें.