scorecardresearch
 

'सामना' के लेख से भड़की कांग्रेस, कहा- UPA से बाहर की पार्टी हमें सलाह ना दें

महाराष्ट्र के पूर्व सीएम अशोक चव्हाण ने शिवसेना को हिदायत दी कि जो पार्टी यूपीए का हिस्सा नहीं है, उसे यूपीए के नेतृत्व के बारे में कांग्रेस को सलाह नहीं देनी चाहिए.

Advertisement
X
'सामना' के लेख पर महाराष्ट्र कांग्रेस ने दी हिदायत
'सामना' के लेख पर महाराष्ट्र कांग्रेस ने दी हिदायत
स्टोरी हाइलाइट्स
  • महाराष्ट्र कांग्रेस ने शिवसेना को दी हिदायत 
  • कॉमन मिनिमम प्रोग्राम के आधार पर समर्थन दिया, ध्यान रहे
  • UPA से बाहर की पार्टी कांग्रेस को सलाह ना दें

शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) पर निशाना साधा गया, जिसके बाद अब कांग्रेस ने पलटवार किया है. शिवसेना को हिदायत देते हुए कांग्रेस नेता और पूर्व सीएम अशोक चव्हाण ने कहा कि जो पार्टी यूपीए का हिस्सा नहीं, वो यूपीए के नेतृत्व के बारे में कांग्रेस को सलाह न दे. सोनिया जी का नेतृत्व सक्षम है. 

Advertisement

कांग्रेस ने शिवसेना को दी हिदायत 

दरअसल, कांग्रेस की ओर से ये बयान 'सामना' में शनिवार को छपे लेख के बाद आया. 'सामना' में यूपीए को NGO जैसा बताते हुए कहा गया कि किसान आंदोलन पर कांग्रेस और यूपीए, मोदी सरकार पर दबाव बनाने में नाकाम रहे. साथ ही शरद पवार को यूपीए अध्यक्ष बनाने का इशारा किया गया. इस लेख के बाद कांग्रेस की ओर से पूर्व सीएम अशोक चव्हाण ने शिवसेना को हिदायत दी कि, जो पार्टी यूपीए का हिस्सा नहीं है उसे यूपीए के नेतृत्व के बारे में कांग्रेस को सलाह नहीं देनी चाहिए. साथ ही उन्होंने कहा कि शरद पवार ने खुद स्पष्ट किया है कि वे यूपीए की कमान नहीं संभालेंगे. 

गठबंधन पर कही ये बात 

इस मसले पर महाराष्ट्र कांग्रेस नेता नसीम खान ने भी शिवसेना पर प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने कॉमन मिनिमम प्रोग्राम के आधार पर महाराष्ट्र में शिवसेना को समर्थन दिया है. शिवसेना यूपीए का हिस्सा नहीं है, इसलिए यूपीए के बारे में शिवसेना को अपने विचार व्यक्त करने का अधिकार नहीं है और शिवसेना को यह ध्यान रखना चाहिए. उन्होंने आगे कहा कि हमारी पार्टी हमेशा मौजूदा कृषि कानूनों के खिलाफ रही है. सोनिया गांधी, राहुल गांधी और पूरी कांग्रेस पार्टी मजबूती के साथ किसानों के साथ खड़ी है. 

Advertisement

देखें: आजतक LIVE TV

'सामना' में राहुल गांधी पर टिप्पणी

बता दें कि 'सामना' ने राहुल गांधी पर टिप्पणी करते हुए लिखा था कि वे काम तो पर्याप्त कर रहे हैं, लेकिन उनके नेतृत्व में अभी कुछ कमी है. कांग्रेस को एक फुलटाइम अध्यक्ष की जरूरत है. साथ ही यूपीए में गड़बड़ है और विपक्ष को एकजुट करने के लिए नेतृत्व की जरूरत है. यूपीए में केवल शरद पवार ही नजर आते हैं. उनके अनुभव का लाभ पीएम नरेंद्र मोदी तक लेते हैं.

ये भी पढ़ें

 

Advertisement
Advertisement