सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को मध्यप्रदेश में ओबीसी आरक्षण के साथ निकाय और पंचायत चुनाव कराने को मंजूरी दे दी है. वहीं, सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने सवाल उठाए हैं. नाना पटोले का कहना है कि ऐसा क्या चमत्कार हो गया कि सुप्रीम कोर्ट ने चार दिन में मध्यप्रदेश को आरक्षण के साथ स्थानीय चुनाव कराने का आदेश दे दिया.
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले स्थानीय निकाय चुनाव को बिना आरक्षण कराने का आदेश दिया था. इस फैसले के बाद एमपी सरकार ने संशोधन याचिका दाखिल की थी. इस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया.
नाना पटोले ने सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद मीडिया से बातचीत में कहा कि महाराष्ट्र दो साल से OBCs को राजनीतिक आरक्षण देने के लिए लड़ाई लड़ रहा है, लेकिन केंद्र सरकार द्वारा महाराष्ट्र को लगातार अवरोध पैदा कर रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने आरक्षण के लिए जरूरी डेटा भी देने से इनकार कर दिया.
उन्होंने कहा, सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश सरकार को ओबीसी आरक्षण के साथ चुनाव कराने की इजाजत दे दी है, लेकिन ऐसा लगता है कि महाराष्ट्र के मामले में उसने एक अलग रुख अपनाया है. उन्होंने कहा, पिछली सुनवाई में महाराष्ट्र को दिए गए निर्देश भी मध्य प्रदेश को दिए गए थे. पटोले ने कहा कि पिछले चार दिनों में ऐसा क्या चमत्कार हुआ कि सुप्रीम कोर्ट ने पड़ोसी राज्य को ओबीसी आरक्षण के साथ चुनाव कराने की अनुमति दे दी.
नाना पटोले ने पूछा, एमपी सरकार ने कौन सा डेटा दिया, जो सुप्रीम कोर्ट को संतुष्ट करता है? क्या केंद्र सरकार ने वह डेटा मध्य प्रदेश सरकार को दिया?" उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी कोर्ट के आदेश का अध्ययन करेगी और आगे की कार्रवाई पर फैसला करेगी. उन्होंने कहा, कांग्रेस लगातार ओबीसी के आरक्षण के लिए लड़ रही है. लेकिन दुर्भाग्य है कि बीजेपी इस मुद्दे पर राजनीति करना चाहती है. महाराष्ट्र में ओबीसी समुदाय को आरक्षण के अधिकार से वंचित करना चाहती है.