महाराष्ट्र विधानसभा में कांग्रेस विधायक आरिफ नसीम खान ने मॉब लिंचिंग का मामला उठाया है. उन्होंने मॉब लिंचिंग के खिलाफ कठोर कानून बनाने की मांग की है. कांग्रेस विधायक ने कहा कि राज्य में मॉब लिंचिंग की घटनाएं रोकने के लिए सख्त से सख्त कानून बनना चाहिए.
आरिफ नसीम खान ने विधानसभा में कहा कि हरियाणा और उत्तर प्रदेश में मॉब लिंचिंग की घटनाएं सामने आने के बाद हम (कांग्रेस) मांग करते हैं कि ऐसी घटनाओं पर काबू पाने के लिए राज्य सरकार को कानून बनाना चाहिए.
कांग्रेस विधायक ने कहा, मॉब लिंचिंग के आरोपियों को कठोर दंड दिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में संलिप्त लोगों को कम से कम 10 साल की सजा मिलनी चाहिए. कांग्रेस विधायक ने कहा कि पिछले 4-5 वर्षों से देश को बांटने की कोशिशें की जा रही हैं.
बता दें कि देशभर में मॉब लिंचिंग की घटनाएं कम होने का नाम नहीं ले रही हैं, हाल ही में झारखंड, बंगाल और उत्तर प्रदेश से मॉब लिंचिंग के मामले सामने आए हैं. वहीं मॉब लिंचिंग को रोकने के लिए मध्य प्रदेश सरकार कड़ा कानून बनाने जा रही है. इस कानून के तहत खुद को गोरक्षक बताकर हिंसा करने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट महाराष्ट्र में बीफ पर प्रतिबंध से संबंधित मामलों की सुनवाई करने के लिए सहमत हो गया है. हालांकि कोर्ट के एक जज ने इस सुनवाई से खुद को अलग कर लिया है. न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा ने यह कहते हुए खुद को इस मामले से अलग कर लिया कि वे इससे पहले एक वकील के तौर पर एक राजनीतिक दल से जुड़ी थीं.
वहीं पीठ की अध्यक्षता कर रहे न्यायमूर्ति अभय सप्रे ने कहा कि मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने पीठ के सामने कई याचिकाएं पेश की हैं. जिसमें गोकशी पर प्रतिबंध, मुंबई हाई कोर्ट द्वारा महाराष्ट्र में बाहर से लाए गए बीफ को रखने व उसे खाने की अनुमति देने और महाराष्ट्र सरकार द्वारा राज्य में बीफ लाने या घर पर रखने को अपराध मानने के कानून को दोबारा लाने वाली याचिका शामिल है.
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