मुंबई से कांग्रेस के पूर्व सांसद प्रिया दत्त इस बार लोकसभा चुनाव लड़ने के मूड में नहीं हैं. प्रिया दत्त ने निजी कारणों का हवाला देते हुए पार्टी हाईकमान को चुनाव न लड़ने की अपनी इच्छा बता दी है. प्रिया दत्ता उनके पिता सुनील दत्त के निधन के बाद मुंबई उत्तर मध्य संसदीय क्षेत्र से दो बार लोकसभा चुनाव जीत चुकी है. 2014 के लोकसभा चुनाव में प्रिया दत्त को मोदी लहर में बीजेपी की पूनम महाजन के हाथों मात खानी पड़ी थी. प्रिया के न लड़ने की इच्छा के बाद अब इस सीट से किसी नए उम्मीदवार की तलाश करना आसान नहीं है.
पिछले लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद से प्रिया दत्त राजनीति से दूर ही नजर आई हैं. कुछ महीनों पहले उन्हें ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (AICC) के सचिव पद से भी हटाया गया था. हालांकि प्रिया दत्त ने कांग्रेस छोड़ने का या राजनीति से संन्यास लेने का ऐलान नहीं किया है. उन्होंने साथ ही ये भी कहा है कि जरूरत पड़ने पर वो पार्टी का प्रचार भी करेंगी.
प्रिया दत्त की जगह मुंबई की नॉर्थ सेंट्रल सीट पर दूसरा उम्मीदवार ढूंढना कांग्रेस के लिए मुश्किल भरा साबित होगा. प्रिया दत्त के चलते यह लोकसभा सीट कांग्रेस के लिए मजबूत मानी जाती है. खासकर तब जब बीजेपी और शिवसेना के रिश्ते तने हुए हैं, तब ये माना जा रहा था कि प्रिया दत्त के जीतने के आसार बन सकते है, लेकिन अब प्रिया दत्त के मैदान में ना होने से कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ सकती हैं.
सोमवार को मुंबई में महाराष्ट्र कांग्रेस की बैठक होनी है, जिसमें लोकसभा सीटों पर विचार किया जाना है. महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और कांग्रेस मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ेंगी. दो दिन पहले एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल ने दोनों पार्टियों के बीच चुनावी तालमेल होने की जानकारी दी थी. इसके तहत दोनों 20-20 सीटों पर यहां चुनाव लड़ेंगी. जबकि बाकी की 8 सीटें अन्य सहयोगियों के लिए छोड़ने की बात कही गई है.