महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर आज शाम तक तस्वीर साफ हो सकती है. एनसीपी-कांग्रेस के नेता बैठक करने के बाद मुंबई पहुंच गए हैं, जहां पर शिवसेना के साथ फाइनल राउंड की मीटिंग होनी है. लेकिन सबकुछ फाइनल होने से पहले कांग्रेस और शिवसेना को डर भी सता रहा है. दोनों पार्टियों को डर है कि कहीं यहां पर भी जम्मू-कश्मीर जैसा हाल ना हो जाए.
सूत्रों की मानें जो दो विचारधारा वाली पार्टियां महाराष्ट्र में एक साथ आ रही हैं, ऐसे में खतरा भी बना हुआ है कि जम्मू-कश्मीर जैसा हाल ना दोहराया जाए.
दरअसल, जम्मू-कश्मीर में बीजेपी-पीडीपी का गठबंधन जब टूट गया था और महबूबा मुफ्ती-उमर अब्दुल्ला सरकार गठन के लिए साथ आने की कोशिश कर रहे थे तो राज्यपाल ने विधानसभा को भंग कर दिया था. अब यही खतरा महाराष्ट्र में भी बना हुआ है.
गुरुवार को बैठक में क्या हुआ...
गुरुवार को एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के साथ बैठक की. पवार की ओर से उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री पद लेने के लिए मनाया गया. शिवसेना की ओर से पहले आदित्य ठाकरे को सीएम बनाने की मांग की जा रही थी. शरद पवार-उद्धव के बीच हुई इस बैठक में आदित्य ठाकरे और संजय राउत भी शामिल थे, जिन्होंने उद्धव को ही सीएम पद ग्रहण करने की मांग की.
बता दें कि शुक्रवार को शिवसेना ने अपने सभी विधायकों को मुंबई बुलाया है, जहां पर उद्धव ठाकरे उनसे बातचीत करेंगे. इसके अलावा अब एनसीपी ने भी शनिवार तक सभी विधायकों को मुंबई बुला लिया है.
बताया जा रहा है कि जैसे ही तीनों पार्टियों के बीच मंत्रालयों को लेकर बात फाइनल हो जाएगी, तो गठबंधन का ऐलान कर दिया जाएगा. ये ऐलान शनिवार को संभव है.
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री पद पर शिवसेना का नाम तो फाइनल है लेकिन इसके अलावा मंत्रालयों पर अभी मंथन चल रहा है. एनसीपी-कांग्रेस को डिप्टी सीएम का पद मिल सकता है, तो वहीं कांग्रेस स्पीकर पद अपने पास रख सकती है. इसके अलावा मंत्रियों के लिए 14-14-14 के फॉर्मूले पर विचार चल रहा है.