महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर शुक्रवार को मुंबई में शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के बीच बड़ी बैठक हुई. बैठक में फैसला हुआ कि उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री होंगे. हालांकि इसके बाद यह बात भी सामने आई कि अभी कुछ मुद्दों पर सहमति नहीं हो पाई है, इसलिए शनिवार को दोबारा बैठक होगी. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने खुद ऐलान किया कि बैठक अधूरी रही और शनिवार को इस पर विस्तार से बात की जाएगी.
पृथ्वीराज के नाम पर पेच
सूत्रों के मुताबिक, शुक्रवार की बैठक में स्पीकर और डिप्टी स्पीकर के नाम पर सहमति नहीं बन पाई. सूत्रों की मानें तो कांग्रेस पृथ्वीराज चव्हाण के लिए स्पीकर पद चाहती है लेकिन एनसीपी इस पर राजी नहीं है. अब शनिवार को पहले कांग्रेस-एनसीपी की बैठक होगी, उसके बाद इसमें शिवसेना को बुलाया जाएगा. बाद में तीनों पार्टियां एक साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मामले पर से पर्दा उठा सकती हैं. हालांकि शुक्रवार की बैठक के बाद शरद पवार ने कहा कि शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद तीनों पार्टियां राज्यपाल से मुलाकात करने जाएंगी.
असमंजस में उद्धव ठाकरे?
एक तरफ यह कहा गया कि उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री पद के लिए सबकी सहमति से चुन लिया गया है लेकिन दूसरी तरफ सूत्रों से खबर है कि उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री पद स्वीकार करने से हिचक रहे हैं. अंतिम निर्णय शनिवार को लिया जाएगा जब तीनों पार्टियां दोबारा एकसाथ बैठक करेंगी. प्रफु्ल्ल पटेल की बात चौंकाने वाली रही कि बैठक सकारात्मक थी लेकिन कुछ मुद्दों पर असहमति है जिस पर शनिवार को बैठक में चर्चा की जाएगी. पटेल ने कहा कि कल (शनिवार) सारी चीजें स्पष्ट हो जाएंगी.
साफ बोलने से बच रहे सेना के नेता
नेहरू सेंटर (जहां बैठक चली) से निकलते शिवसेना के नेताओं ने इस पर कुछ भी साफ-साफ बोलने से इनकार कर दिया. उद्धव ठाकरे ने इतना ही कहा, 'किसी भी चीज पर कोई अधूरी जानकारी साझा नहीं करना चाहते.' उद्धव ठाकरे ने कहा, 'विस्तृत चर्चा की गई और तय किया जा रहा है कि कोई मुद्दा छूटे नहीं. चर्चा अभी भी जारी है. जब हर चीज को अंतिम रूप दे दिया जाएगा तो हम आप से साझा करेंगे.'
उद्धव ने मांगा और वक्त
उधर सूत्रों के हवाले से खबर है कि उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री बनाने के प्रस्ताव पर सोचने के लिए समय मांगा है और वे इस पर एनसीपी-कांग्रेस को शुक्रवार देर रात या शनिवार सुबह तक बता सकते हैं. बता दें, वर्ली में नेहरू सेंटर में बैठक के बाद उद्धव ठाकरे और उनके बेटे आदित्य ठाकरे, बालासाहेब ठाकरे नेशनल मेमोरियल गए और शिवसेना संस्थापक को श्रद्धांजलि दी. उद्धव ठाकरे का स्मारक स्थल जाना पहले से तय नहीं था.