कोरोना संकट के बीच महाराष्ट्र में रेमडेसिविर को लेकर राजनीति गरमा गई है. महाराष्ट्र सरकार के कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक के बयान पर हंगामा मचा है जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि केंद्र सरकार की तरफ से कुछ रेमडेसिविर सप्लायर पर दवाब बनाया जा रहा है कि वे राज्य को स्टॉक ना भेजे. अब राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने महाराष्ट्र सरकार पर बड़ा आरोप लगाते हुए कह दिया है कि एक रेमडेसिविर सप्लायर को सिर्फ इसलिए परेशान किया जा रहा है क्योंकि वो कुछ बीजेपी नेताओं से मिला था.
देवेंद्र फडणवीस का महाराष्ट्र सरकार पर हमला
देवेंद्र फडणवीस ने शनिवार देर रात प्रेस कॉन्फ्रेंस कर महाराष्ट्र सरकार पर तीखा हमला किया. उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार की तरफ से एक रेमडेसिविर सप्लायर को डराया गया है. उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले बीजेपी नेताओं ने दमन की ब्रुक फार्मा से संपर्क साधा था जिससे महाराष्ट्र में समय रहते रेमडेसिविर की आपूर्ति हो सके. इस बारे में हमारी तरफ से राज्य के खाद्य एवं औषधि प्रशासन मंत्री राजेंद्र शिंगणे को भी बताया गया था और केंद्र सरकार से भी जरूरी इजाजत ली गई थी. लेकिन हैरान रह गया जब पता चला कि खाद्य एवं औषधि प्रशासन (FDA)के एक अफसर ने बाकायदा ब्रुक फार्मा सें संपर्क साधा और सिर्फ इसलिए डराया क्योंकि वे बीजेपी नेताओं से मिले थे. इस प्रकार की राजनीति को स्वीकार नहीं किया सकता.
फडणवीस के मुताबिक प्रवीन दारेकर और MLC प्रसाद लाड कुछ दिन पहले दमन गए थे और वहां जाकर ब्रुक फार्मा के अफसरों से मिले. कंपनी से सिर्फ इतनी अपील की गई थी कि वे रेमडेसिविर का स्टॉक महाराष्ट्र को भेजे. उस समय कंपनी की तरफ से साफ कर दिया गया था अगर राज्य और केंद्र सरकार की तरफ से मंजूरी मिल गई तो वे पूरा स्टॉक देने को तैयार हैं.
इस विवाद को लेकर जब एक सीनियर पुलिस अधिकारी से बात की गई तो उन्होंने इन तमाम आरोप को ही गलत बता दिया. उनकी मानें तो फार्मा कंपनी के डायरेक्टर से सिर्फ स्टॉक के सिलसिले में पूछताछ हुई थी. उन्होंने कहा- रेमडेसिविर सप्लाई करने वाली फार्मा कंपनी के एक डायरेक्टर से सिर्फ पूछताछ की गई थी. स्टॉक को लेकर कुछ सवाल-जवाब हुए थे.
फार्मा कंपनी के डायरेक्टर से पूछताछ पर बवाल
वहीं दावा ये भी किया गया कि उस फार्मा कंपनी के डायरेक्टर ने रेमेडेसिविर की 60 हजार शीशियां स्टॉक की थीं. राज्य और केंद्र की तरफ से साफ कहा गया था कि स्टॉक को बाजार में बेचना है, ऐस में पुलिस को इसी मुद्दे पर सवाल-जवाब करना था. मुंबई पुलिस की तरफ से गिरफ्तारी वाली बात को भी गलत बता दिया गया है. उन्होंने जोर देकर कहा है कि किसी तरह का कोई उल्लंघन नहीं हुआ, ऐसे में उस फॉर्मा कंपनी के डायरेक्टर के खिलाफ कार्रवाई भी नहीं हुई. सवाल जवाब जरूर हुए थे लेकिन डायरेक्टर की तरफ से तमाम जरूरी कागजात दिखा दिए गए.
'अनुमति पत्र' पर विवाद
देवेंद्र फडणवीस की तरफ से ये भी बताया गया है कि मुंबई पुलिस को अनुमति पत्र दिखाया गया था जिसमें रेमडेसिविर की महाराष्ट्र में सप्लाई के बारे में लिखा था, लेकिन पुलिस की तरफ से कहा गया कि उन्हें किसी ऐसे पत्र की कोई जानकारी नहीं थी. ऐसे में इस मुद्दे पर राजनीति और ज्यादा गरमा गई और देवेंद्र फडणवीस ने राज्य सरकार को आड़े हाथों लिया.