महाराष्ट्र में जारी सियासी संकट में एक और नया मोड़ आ गया है. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने हार मानने से मना कर दिया है. शिवसेना की तरफ से डिप्टी स्पीकर को एक चिट्ठी लिखी गई है. उस चिट्ठी में कहा गया है कि उन 12 विधायकों के खिलाफ कार्रवाई की जाए जिन्होंने पार्टी द्वारा बुलाई गई बैठक में हिस्सा नहीं लिया था.
पार्टी के इस एक फैसले से स्पष्ट है कि वे अभी भी वे बागियों के सामने नहीं झुकने वाले हैं और इस सियासी ड्रामे में कई और नाटकीय मोड़ आने बाकी हैं. अभी के लिए स्थिति उद्धव ठाकरे और उनकी सरकार के पक्ष में नहीं है. एकनाथ शिंदे के साथ 35 शिवसेना और 7 निर्दलीय विधायकों का समर्थन है. ऐसे में उनके पास विधायकों की कुल संख्या 42 चल रही है.
स्थिति को समझते हुए संजय राउत कह चुके हैं कि सीएम सभी से बात करने को तैयार हैं. अगर किसी विधायक को कोई शिकायत है, उनकी कोई मांग है, तो उन्हें मुंबई आकर सीएम से बात करनी होगी. उन्होंने ये भी संकेत दे दिया है कि अगर सभी विधायक चाहते हैं कि महा विकास अघाडी से अलग हो जाए, तो शिवसेना इस पर भी विचार कर सकती है.
उन्होंने कहा है कि एकनाथ शिंदे के साथ मौजूद सभी विधायकों को अगर लग रहा है कि उनको एनसीपी और कांग्रेस के साथ नहीं रहना है तो आप यहां मुंबई आकर उद्धव ठाकरे के साथ बैठकर चर्चा करें. हम सत्ता को छोड़ने के लिए तैयार हैं. राउत बोले कि मैं एकनाथ शिंदे और उनके विधायकों को आनेवाले 24 घंटे का समय देता हूं.
वहीं दूसरी तरफ महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले ने कहा कि भाजपा को सत्ता में आने से रोकने के लिए हम शिवसेना के साथ हैं. ये खेल ईडी की वजह से हो रहा है. कांग्रेस फ्लोर टेस्ट के लिए तैयार है. हम एमवीए के साथ हैं और रहेंगे. अगर शिवसेना किसी के साथ गठबंधन करना चाहती है तो हमें कोई समस्या नहीं है.