महाराष्ट्र में सरकार को लेकर खींचतान जारी है. महाराष्ट्र विधानसभा के सचिव राजेंद्र भागवत ने कहा कि विधानसभा सचिवालय को एक पत्र मिला है जिसमें दावा किया गया है कि एनसीपी विधायक दल के नेता जयंत पाटिल होंगे लेकिन इसका फैसला स्पीकर को लेना है. आज की तारीख में इस पर कोई फैसला नहीं लिया गया है.
इससे पहले सोमवार को शिवसेना-राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-कांग्रेस के 'महा विकास आघाड़ी' ने राज्य में सरकार बनाने के लिए अपना दावा पेश कर दिया. एनसीपी के प्रवक्ता नवाब मलिक ने बताया कि तीन दलों के नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल राज्य में सरकार बनाने का दावा पेश करने राजभवन गया, क्योंकि राज्य में मौजूदा सरकार निश्चित रूप से गिरने वाली है.
#WATCH Rajendra Bhagwat, Maharashtra Legislature Secretary: The Legislature Secretariat has received a letter claiming that Jayant Patil is the Legislative Party Leader for NCP. But, decision has to be taken by the Speaker. As of today, decision has not been taken. pic.twitter.com/Hb2XZeZwNJ
— ANI (@ANI) November 26, 2019
दो दिन पहले एनसीपी ने अजित पवार को हटाकर जयंत पाटिल को विधायक दल का नया नेता चुना था. इससे पहले अजित पवार इस पद पर थे. आगे के सारे अधिकार शरद पवार और प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते पाटिल को दिए गए हैं. आगे क्या रणनीति अपनानी है, क्या करना है, वह शरद पवार तय करेंगे.
कौन हैं जयंत पाटिल?
शरद पवार के बेहद करीबी नेताओं में शुमार जयंत राजाराम पाटिल महाराष्ट्र की राजनीति में जाना-माना नाम हैं. वे इस्लामपुर वालवा विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं. वे पृथ्वीराज चव्हाण सरकार में ग्रामीण विकास मंत्री रहे हैं. इससे पहले वे वित्त मंत्री और गृह मंत्री भी रहे हैं.
जयंत पाटिल का ताल्लुक एक बड़े राजनीतिक परिवार से है. राजाराम बापू पाटिल 1962 से 1970 और 1978 में महाराष्ट्र में मंत्री रहे हैं. 1984 में राजाराम के अचानक निधन के बाद जयंत पाटिल को वापस स्वदेश आना पड़ा. स्वदेश आने पर जयंत ने भी राजनीति में कदम रखा. इस्लामपुर वालवा विधानसभा क्षेत्र से पहली बार विधानसभा चुनाव लड़े.