महाराष्ट्र सीएम देवेंद्र फडणवीस ने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपने के बाद मुंबई में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. संबोधन की शुरुआत में मीडिया के सामने उन्होंने बिना शिवसेना का नाम लिए सहयोगियों का धन्यवाद दिया. लेकिन अंत में फडणवीस ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे और पार्टी के अन्य नेताओं पर जमकर हमला भी बोला. जानिए क्या-क्या कहा?
कभी नहीं हुई ढाई साल के सीएम वाली बात
अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान फडणवीस ने स्पष्ट किया कि मेरे सामने कभी भी उद्धव ठाकरे ने ढाई-ढाई साल का प्रस्ताव नहीं रखा था . हालांकि उन्होंने इसके साथ ही यह भी कहा कि अगर यह बात अमित शाह के साथ हुई होगी तो वह मुझे पता नहीं है.
शिवसेना का रुख डिस्कशन का था ही नहीं
फडणवीस ने आगे कहा कि चुनावों के बाद महायुति की अच्छी सीटें आई थीं. रिजल्ट आने के बाद मैंने उनको बधाई भी दी थी. हम लोग बैठ कर इस मामले को सुलझा सकते थे लेकिन उनका रुख डिस्कशन का नहीं था. पहले दिन से ही उन लोगों ने बयानबाजी शुरू कर दी थी.
शिवसेना का 'विश्वासघात'
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान शिवसेना पर 'विश्वासघात' का आरोप लगाते हुए फडणवीस ने कहा, "मैं उनसे मिलने भी गया, फोन भी किया लेकिन उन्होंने एक भी फोन रिसीव नहीं किया. रिजल्ट आने के बाद कांग्रेस और एनसीपी से लगातार चर्चा की लेकिन हमसे बात भी नहीं की."
मीडिया में बयानबाजी से सरकार नहीं बनती
शिवसेना के अन्य नेताओं के व्यवहार पर उंगली उठाते हुए फडणवीस ने कहा, "उद्धव ठाकरे के आसपास के लोग जिस तरह बात करते हैं उस तरह की बात से सरकार नहीं बनती . बातचीत से विवाद सुलझ सकता था. कुछ लोगों ने रिजल्ट आने के दिन से ही बयानबाजी शुरू कर दी थी. बाल ठाकरे हमारे लिए सम्मानित हैं इसीलिए हमने कभी कोई अपमानजनक बात नहीं की."
जिसके नेतृत्व में लड़े चुनाव उस पर ही आरोप
फडणवीस ने स्पष्ट किया कि चुनाव महायुति ने पीएम मोदी और अमित शाह के नेतृत्व में लड़ा था. महाराष्ट्र ने अपना मत भी महायुति को दिया था. बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनी. लेकिन चुनाव परिणामों के बाद शिवसेना ने निचले स्तर के आरोप लगाए. बड़े नेताओं के खिलाफ लांछन लगाए गए. पीएम मोदी और अमित शाह जैसे सम्मानित चेहरों के बारे में आपत्तिजनक बातें कहीं.