महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को विधानसभा में बताया कि राज्य सरकार नशे के मामलों में पैरोल पर बाहर आए विदेशी नागरिकों की निगरानी के लिए इलेक्ट्रॉनिक उपकरण का उपयोग करने पर विचार कर रही है. उन्होंने कहा कि राज्य में नशे का कारोबार बढ़ रहा है. पहले नाइजीरियन ड्रग्स बेचते थे, लेकिन अब डार्कनेट और इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए ऑर्डर दिए जा रहे हैं और ड्रग्स की डिलीवरी कुरियर सेवाओं के माध्यम से की जा रही है.
नाइजीरियन नागरिकों और अन्य विदेशी तस्करों पर नजर
फडणवीस ने कहा कि कुरियर कंपनियों की जांच की गई है और उन्हें चेतावनी दी गई है कि वे भी जिम्मेदार माने जाएंगे. उन्होंने बताया कि सरकार नाइजीरियन नागरिकों और अन्य विदेशी तस्करों पर नजर रख रही है, लेकिन जब तक उनके मामले कानूनी रूप से निपट नहीं जाते, तब तक उन्हें देश से बाहर नहीं निकाला जा सकता.
मुख्यमंत्री ने बताया कि जेल कानून के तहत पैरोल या फरलो पर बाहर आए लोगों की निगरानी इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से की जा सकती है. अब यह कानूनी रूप से जांचा जा रहा है कि क्या नशे के मामलों में शामिल विदेशी नागरिकों की निगरानी इसी तरह की जा सकती है.
नशे के कारोबार में लिप्त पाए गए पुलिसकर्मी पर होगा एक्शन
इसके अलावा, फडणवीस ने कहा कि नशे के कारोबार में लिप्त पाए जाने वाले किसी भी पुलिसकर्मी को बख्शा नहीं जाएगा. पुणे में अब तक सात पुलिसकर्मियों को निलंबित किया जा चुका है. उन्होंने साफ कहा कि नशे के खिलाफ सरकार की नीति "जीरो टॉलरेंस" यानी पूरी तरह सख्त है.