महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे के ऑफर के बावजूद शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे बागी तेवरों पर अड़े हुए हैं. उन्होंने गुरुवार को दावा किया है कि उनके साथ शिवसेना के 42 विधायक हैं. इसी बीच उन्होंने शिवसेना एक बागी विधायक संजय शिरसाट का उद्धव ठाकरे को लिखा पत्र भी शेयर किया है. इस पत्र में संजय ने उद्धव पर आरोप लगाया है कि शिवसेना के विधायकों को अयोध्या जाने से रोका गया. इतना ही नहीं उन्होंने यह दावा किया है कि शिवसेना के विधायकों को पिछले 2.5 साल में सीएम आवास वर्षा में भी जाने का अवसर नहीं मिला.
दरअसल, बागी विधायक लगातार आरोप लगा रहे हैं कि उद्धव ठाकरे शिवसेना के नेताओं को भी मिलने का समय नहीं देते हैं. उधर, उद्धव ठाकरे ने फेसबुक के जरिए शिवसेना के कार्यकर्ताओं को संबोधित किया था. इस दौरान उन्होंने कहा था कि जो विधायक नाराज हैं, वे उनसे आकर मिलें. ऐसे में अब शिवसेना के बागी विधायक ने उद्धव ठाकरे के नाम पत्र लिखकर निशाना साधा है.
सीएम बंगले के दरवाजे हमारे लिए बंद रहे- शिवसेना विधायक
शिवसेना विधायक संजय शिरसाट ने लिखा, कल वर्षा बंगले के दरवाजे सचमुच जनता के लिए खोल दिए गए. बंगले पर भीड़ देखकर खुशी हुई. पिछले ढाई साल से शिवसेना विधायक के तौर पर हमारे लिए ये दरवाजे बंद थे. हम उद्धव से मिलकर अपनी बात कहना चाहते थे. हमें क्यों कुछ कहने का मौका नहीं मिला. वर्षा बंगले पर सिर्फ एनसीपी-कांग्रेस के विधायकों को ही प्रवेश मिलता था.
'हमें अयोध्या नहीं जाने दिया गया'
पत्र में शिवसेना विधायक ने लिखा, क्या हिंदुत्व, अयोध्या, राम मंदिर शिवसेना के मुद्दे हैं? तो अब जब आदित्य ठाकरे अयोध्या गए तो आपने हमें अयोध्या जाने से क्यों रोका? आपने खुद कई विधायकों को फोन कर अयोध्या नहीं जाने की बात कही थी. मेरे कई साथियों और मैं, जो मुंबई हवाई अड्डे से अयोध्या के लिए निकले थे, ने अपना सामान चेक इन किया. जैसे ही हम विमान में सवार होने वाले थे, आपने विधायकों को अयोध्या न जाने देने के लिए कहा. हम एयरपोर्ट से लौट आए. हमें राज्यसभा चुनाव में भी मर्जी से वोट डालने नहीं दिया गया.
उन्होंने आरोप लगाया कि उद्धव ठाकरे कभी सचिवालय में नहीं होते थे, बल्कि मातोश्री में रहते थे. हम सीएम से मिलने के लिए उनके आस पास रहने वाले लोगों को फोन करते थे. लेकिन वे फोन नहीं उठाते थे. जहां हम शिवसेना के विधायक सीएम से नहीं मिल पाते थे, वहीं हमारे विपक्षी कांग्रेस-एनसीपी के कार्यकर्ता उद्धव ठाकरे से मुलाकात करते थे. इतना ही नहीं उन्हें उनके क्षेत्र के विकास के लिए फंड भी मिलता था. ऐसे में हम सभी विधायकों के न्याय के अधिकार के लिए सभी विधायकों की अपील पर एकनाथ शिंदे ने ये कदम उठाया है.