महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में मिली करारी शिकस्त के बाद महाविकास अघाड़ी में भी बैठकों का दौर जारी है और दूसरी तरफ चुनाव नतीजों से अघाड़ी दरार पड़ती नजर आ रही है. कांग्रेस, उद्धव गुट की शिवसेना और शरद पवार की एनसीपी वाली महाविकास अघाड़ी विधानसभा चुनाव में 288 में से सिर्फ 46 सीटें जीत सकी थी.
इस हार के बाद अब उद्धव गुट के नेता अंबादास दानवे ने कहा है कि उनकी पार्टी का जन्म सत्ता पर कब्ज़ा करने के लिए नहीं हुआ था.
पार्टी अलग से लड़े चुनाव- दानवे
दरअसल शिवसेना ठाकरे गुट के हारे हुए उम्मीदवारों के साथ-साथ जीते हुए विधायकों और पदाधिकारियों के बीच बैठक हुई है. बैठक के बाद दानवे ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं का एक वर्ग महसूस करता है कि पार्टी को भविष्य के चुनाव स्वतंत्र रूप से लड़ने चाहिए. उन्होंने कहा कि कुछ कार्यकर्ता जिन्होंने पिछले दिनों चुनाव लड़ा था उन्होंने अपने दम पर लड़ने की भावना व्यक्त की है.
दानवे ने कहा, "पार्टी के एक बड़े वर्ग में स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ने की भावना है. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि शिवसेना (यूबीटी) सत्ता में आती है या नहीं. पार्टी सत्ता हथियाने के लिए पैदा नहीं हुई है.यह एक विचारधारा पर काम करने वाली पार्टी है. कार्यकर्ताओं का एक वर्ग का मानता है कि पार्टी को भविष्य में अकेले चुनाव लड़ना चाहिए."
कांग्रेस पर हमला
अंबादास दानवे ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, 'कई सीटों पर कांग्रेस ने सर्वे के नाम पर सीटें लीं, लेकिन वे अपनी जमानत भी नहीं बचा पाए. संभाजी नगर में उन्हें सिर्फ 5500 वोट मिले. कांग्रेस के नेता कैबिनेट की शपथ लेने के लिए सूट सिल रहे थे. कांग्रेस जम्मू-कश्मीर, हरियाणा और महाराष्ट्र में अति आत्मविश्वास में थी. कांग्रेस एनसीपी और शिवसेना को महत्व नहीं दे रही थी. आखिरी दिन तक हम सीट गठबंधन पर चर्चा कर रहे थे, जबकि हमें प्रचार करना चाहिए था. इसका असर हमारे चुनावों पर पड़ा.'
कांग्रेस का बयान
वहीं दानवे के बयान और महाराष्ट्र चुनाव पर कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने कहा, 'शिवसेना (यूबीटी) नेताओं की तरह ही कांग्रेस के लोग भी अकेले चुनाव लड़ना चाहते हैं. लेकिन यह पार्टी का फैसला नहीं हो सकता. हम नतीजों और हार के कारणों का विश्लेषण करने में जुटे हैं. प्रचंड मोदी लहर के बावजूद भी हमने मौजूदा नतीजों से बेहतर प्रदर्शन किया और यही वजह है कि हमें ईवीएम पर संदेह है. न्यायपालिका को इस पर ध्यान देना चाहिए. '
दानवे के इस बयान से सियासी गलियारों में चर्चा हो रही है कि उद्धव ठाकरे की शिवसेना आने वाले नगर निगम चुनाव में स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ सकती हैं. अगर ऐसा होता है तो यह महाविकास अघाडी के लिए एक झटके से कम नहीं होगा.
महाविकास अघाडी के नेताओं के बीच आपसी बयानबाजी पर बीजेपी सांसद अशोक च्वहाण की प्रतिक्रिया सामने आई है. उन्होंने कहा, 'अघाडी में कोई साथ नहीं है .. उस अघाडी का कोई मतलब नहीं है .. संभावना कम है कि अब उद्धव अघाडी में रहेंगे.'
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अघाडी का रहा था निराशाजनक प्रदर्शन
288 सदस्यों की विधानसभा में महायुति ने 233 सीटों पर जीत हासिल की है जिसमें बीजेपी की 132, शिंदे शिवसेना की 57 और एनसीपी की 41 सीटें शामिल हैं. वहीं विपक्षी गठबंधन महाविकास अघाडी महज 49 सीटें हासिल कर पाई जिसमें सबसे ज्यादा उद्धव ठाकरे की शिवसेना (20 सीट) हासिल की थी. इसके अलावा कांग्रेस 16 और शरद पवार की एनसीपी 10 सीट जीत पाई थी.