महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव के नतीजे सामने आ गए हैं. झारखंड में जहां इंडिया ब्लॉक ने जीत हासिल की है, वहीं, महाराष्ट्र में प्रदर्शन काफी खराब रहा है. इसके साथ ही सवाल अब कांग्रेस पर उठ रहे हैं. 2014 से 2024 के बीच 62 विधानसभा चुनावों में 47 चुनाव कांग्रेस हार चुकी है.
2011 में आखिरी बार असम में कांग्रेस अपनी सरकार को बचाकर दोबारा सत्ता में लौटी थी. खुद राज्यों में सत्ता में रहते कांग्रेस ने 40 बार विधानसभा चुनावों का सामना किया और उनमें से केवल 7 में ही जीत हासिल कर सकी. लोकसभा चुनाव से पहले मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान में सीधे बीजेपी से टक्कर में तीनों जगह कांग्रेस हारी, जबकि दो जगह सत्ता में कांग्रेस ही थी. सिर्फ हिमाचल औऱ कर्नाटक में हाल के समय में बीजेपी से सीधी टक्कर में कांग्रेस जीत पाई है.
अब तो कांग्रेस के साथी ही कहने लगे कि कांग्रेस का अति आत्मविश्वास उसे ले डूबता है. आज शरद पवार भले कांग्रेस के साथ इंडिया गठबंधन में हैं, लेकिन एक वक्त वो खुद कांग्रेस की तुलना उस जमींदारी सोच वाले व्यक्ति से कर चुके हैं, जिसकी हवेलियां, जायदाद नहीं बचती, लेकिन अकड़ कम नहीं होती. क्या यही वजह है कि देश के कई राज्यों में दशकों से कांग्रेस का अपने दम पर कोई मुख्यमंत्री नहीं है.
कांग्रेस के किस राज्य में कब अपने दम पर मुख्यमंत्री रहे?
- झारखंड साल 2000 में अलग राज्य बना और 24 साल में कभी कांग्रेस का अपने दम पर मुख्यमंत्री नहीं हुआ. यहां गठबंधन में कांग्रेस जरूर है.
- तमिलनाडु ऐसा राज्य है कि 57 साल से कांग्रेस अपने दम पर सरकार में नहीं आई. गठबंधन भरोसे जरूर है.
- उत्तर प्रदेश में 35 साल से कांग्रेस का अपना मुख्यमंत्री नहीं है, गठबंधन भरोसे हैं.
- बिहार में भी 34 साल से कांग्रेस का अपना कोई मुख्यमंत्री नहीं है. गठबंधन के भरोसे है, हालांकि बिहार ऐसा राज्य है, जहां बीजेपी का भी अपने दम पर कोई सीएम अब तक नहीं रहा है.
- गुजरात में 29 साल से कांग्रेस सत्ता में ना तो आई, ना अपने दम पर मुख्यमंत्री बना.
- ओडिशा में 24 साल से कांग्रेस की सरकार नहीं आई. कभी मुख्य विपक्षी रहने वाली पार्टी अब तीसरे नंबर पर जा चुकी है, जबकि यहां अब बीजेपी की अपने दम पर पूर्ण बहुमत की सरकार है.
- पांच राज्य- नगालैंड, जम्मू कश्मीर, गोवा, दिल्ली, आंध्र प्रदेश ऐसे हैं, जहां 10 से 20 साल हो चुके हैं, कांग्रेस का अपना कोई मुख्यमंत्री नहीं है.
कांग्रेस की हार का ग्राफ लगातार बढ़ रहा
ऐसे राज्यों की संख्या बढ़ती जा रही है, जहां दोबारा खुद कांग्रेस की अपनी सरकार नहीं आ पा रही. साथियों के भरोसे होने के बावजूद हरियाणा हाथ नहीं आया, तो साथी जलेबी की जली कांग्रेस पर नमक छिड़कने लगे. उसी के साथी ताना देने लगे. नसीहत सुनाने लगे. कांग्रेस को आंख और ठेंगा दिखाने लगे.