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अमरावती: नवनीत राणा के समर्थकों ने शिवसेना दफ्तर में तोड़फोड़ की, केयरटेकर के साथ भी मारपीट, 4 गिरफ्तार

Navneet rana Case: नवनीत राणा और उनके पति रवि राणा को बुधवार को मुंबई की सेशन कोर्ट ने सशर्त जमानत दी थी. आरोप है कि युवा स्वाभिमान कार्यकर्ता राणा दंपति को जमानत मिलने पर जश्न मना रहे थे. पहले इन लोगों ने शिवसेना कार्यालय के सामने आतिशबाजी की. इसके बाद शिवसेना कार्यालय के केयरटेकर के साथ मारपीट की.

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 शिवसेना दफ्तर में तोड़फोड़ के आरोप में नवनीत राणा के चार समर्थकों पर केस दर्ज
शिवसेना दफ्तर में तोड़फोड़ के आरोप में नवनीत राणा के चार समर्थकों पर केस दर्ज
स्टोरी हाइलाइट्स
  • अमरावती में शिवसेना दफ्तर में तोड़फोड़
  • नवनीत राणा के समर्थकों पर लगा तोड़फोड़ का आरोप

महाराष्ट्र में नवनीत राणा दंपति और शिवसेना के बीच टकरार खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. अब नवनीत राणा के समर्थकों पर शिवसेना कार्यालय में तोड़फोड़ और केयरटेकर के साथ मारपीट का आरोप लगा है. इतना ही नहीं पुलिस ने इस मामले में 4 युवा स्वाभिमान कार्यकर्ताओं पर मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया है. 

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पुलिस के मुताबिक, ये कार्यकर्ता नवनीत राणा दंपति को जमानत मिलने पर जश्न मना रहे थे. पहले इन लोगों ने शिवसेना कार्यालय के सामने आतिशबाजी की. इसके बाद शिवसेना कार्यालय के केयरटेकर के साथ मारपीट की. इसके बाद मौके पर पुलिस ने पहुंचकर चार कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस के मुताबिक, ये चारों कार्यकर्ता नशे में थे. इनके खिलाफ कई धाराओं में मामला दर्ज कर लिया गया है. 

नवनीत राणा दंपति को बुधवार को मिली जमानत

नवनीत राणा दंपति को बुधवार को ही मुंबई की सेशन कोर्ट ने सशर्त जमानत दी है. नवनीत राणा और उनके पति रवि राणा ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के आवास मातोश्री के सामने हनुमान चालीसा का पाठ करने का ऐलान किया था. हालांकि, उन्हें पुलिस ने पहले ही गिरफ्तार कर लिया था. पुलिस ने नवनीत राणा पर भड़काऊ बयानबाजी, समाज में अशांति फैलाने के आरोपों के तहत 153 A का मामला दर्ज किया था. बाद में दोनों पर पुलिस ने राजद्रोह का केस दर्ज किया था. 
 
बीएमसी की टीम भी पहुंची थी नवनीत राणा के घर

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उधर, बीएमसी की टीम भी बुधवार को नवनीत राणा के खार स्थित आवास पर पहुंची थी. दरअसल, बीएमसी ने सोमवार को राणा के खार स्थित फ्लैट के बाहर एक नोटिस चस्पा किया था. इस नोटिस के मुताबिक, बीएमसी को यह निरीक्षण करना था कि राणा के प्लैट पर अवैध निर्माण तो नहीं किया गया. वहीं सांसद और विधायक के करीबी सूत्रों ने इस कार्रवाई को बदले की राजनीति करार दिया था.

 

 

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