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बाढ़ से बेहाल महाराष्ट्र, सांगली में सैलाब के बीच मंत्री ने ली सेल्फी

महाराष्ट्र के जल संसाधन मंत्री गिरीश महाजन बाढ़ का जायजा लेने सांगली पहुंचे तो पानी के बीच सेल्फी का लुत्फ उठाने लगे. सेल्फी लेते वक्त गिरीश नाव पर हंसते-मुस्कुराते रहे, जैसे वो हंसी-खुशी घूमने आए हों.

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जल संसाधन मंत्री गिरीश महाजन ने ली सेल्फी
जल संसाधन मंत्री गिरीश महाजन ने ली सेल्फी

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महाराष्ट्र में पिछले एक सप्ताह से बारिश और बाढ़ का कहर जारी है. लगातर हो रही बारिश से महाराष्ट्र में अब तक 29 लोगों की मौत हो चुकी है, जिसमें कोल्हापुर में 14 लोगों की जान गई है. महाराष्ट्र के कई जिलों में इतना पानी बरसा है कि शहर समंदर हो गए हैं. सांगली में तो गलियों में नाव चल रही है, हालात इतने बुरे हैं कि लोगों की गर्दन तक पानी चढ़ आया है.

वहीं, महाराष्ट्र के जल संसाधन मंत्री गिरीश महाजन बाढ़ के बीच सेल्फी लेते नजर आए. दरअसल, मंत्री गिरीश महाजन बाढ़ का जायजा लेने सांगली पहुंचे तो पानी के बीच सेल्फी लेने का लुत्फ उठाने लगे. सेल्फी लेते वक्त गिरीश महाजन नाव पर बैठकर हंसते-मुस्कुराते ऐसे सेल्फी लेते दिखाई दे रहे हैं जैसे वो किसी मौके पर घूमने आए हों. सेल्फी लेते समय मंत्री गिरीश महाजन मुस्कुराते हुए हाथ हिलाकर अभिवादन करते हुए भी दिखाई दिए.

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महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) अध्यक्ष राज ठाकरे ने बाढ़ के बीच मंत्री गिरीश महाजन की सेल्फी की आलोचना की है. उन्होंने कहा कि एक मुख्यमंत्री जमीनी हकीकत जानने के लिए हेलिकॉप्टर से बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा कर रहे हैं, और वहीं मंत्री बाढ़ के बीच सेल्फी ले रहे हैं.

बता दें कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने गुरुवार को सतारा और पुणे सहित बाढ़ प्रभावित इलाकों के हवाई सर्वे किया. इस दौरान, उनके साथ कैबिनेट मंत्री चंद्रकांत पाटिल, गिरीश महाजन और एकनाथ शिंदे भी मौजूद रहे. मुख्यमंत्री ने कहा कि स्थिति बहुत विकट है, उचित समय पर इस क्षेत्र में राष्ट्रीय आपदा घोषित की जाएगी. बाढ़ और बारिश से सांगली में अब तक 11, कोल्हापुर में 4, पुणे में 7, सतारा में 7 और सोलापुर में 1 शख्स की मौत हो चुकी है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि एनडीआरएफ की 13 टीमों के साथ ही राज्य आपदा निवारण टीम (एसडीआरएफ), भारतीय सेना, 14 नौसेना दल, और स्थानीय एंजेसी के 10 हजार से अधिक कर्मचारी लोगों को बचाने में जुटे हुए हैं.

गौरतलब है कि महाराष्ट्र के अब तक 1.35 लाख से अधिक लोगों को बाढ़ प्रभावित इलाकों से बचाकर सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है. वहीं हजारों लोग अभी भी भोजन, पेयजल, दवाई, बिजली और अन्य आवश्यक चीजें न मिलने पर परेशान हैं.

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