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Maharashtra Floor Test: ऐसे 99 के फेर में फंस गई महाविकास अघाड़ी, फ्लोर टेस्ट में शिंदे के पक्ष में और बढ़ गए विधायक

Maharashtra Floor Test: महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे की सरकार ने विश्वास मत जीत लिया. सरकार के पक्ष में 164 वोट पड़े. वहीं महाविकास अघाड़ी गठबंधन 99 के फेर में फंस गया.

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महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे-देवेंद्र फडणवीस की सरकार ने विश्वास मत जीता (फाइल फोटो)
महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे-देवेंद्र फडणवीस की सरकार ने विश्वास मत जीता (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • एकनाथ शिंदे ने विश्वास मत में जीत हासिल की
  • शिंदे के समर्थन में 164 वोट, विपक्ष को मिले 99

Maharashtra Floor Test News: महाराष्ट्र के नए सीएम एकनाथ शिंदे ने आखिरकार अग्निपरीक्षा पास कर ली. सोमवार को उन्होंने बहुमत परीक्षण को पास कर लिया. महाराष्ट्र विधानसभा में शिंदे की सरकार के समर्थन में 164 वोट पड़े. वहीं सरकार के विपक्ष में 99 विधायक थे. यह नंबर उद्धव गुट के लिए झटके जैसा है क्योंकि इससे ज्यादा वोट कल उनको स्पीकार के चुनाव में मिले थे. मतलब कुछ ही घंटों में उनको मिल रहा समर्थन और कम हो गया.

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फ्लोर टेस्ट से पहले महाविकास अघाड़ी गठबंधन ने बड़ा फैसला लिया. इसमें NCP नेता अजित पवार को विधानसभा में विपक्ष का नेता बनाया गया है. लेकिन यह रणनीति कोई खास काम की साबित नहीं हो सकी.

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महाराष्ट्र विधानसभा में आज पहले ध्वनिमत से बहुमत साबित करने की बात हुई. लेकिन इसपर विपक्ष राजी नहीं हुआ. फिर वोटिंग का फैसला लिया गया. इसके बाद शिंदे गुट और उद्धव गुट के विधायकों को विधानसभा में ही अलग-अलग बैठाया गया. इसके बाद हेडकाउंट हुआ. मतलब हर विधायक ने खड़े होकर एक-एक करके बताया कि कौन किसकी तरफ है.

शिंदे कैंप में जुड़े दो विधायक, दो बागी हुए खिलाफ

शिंदे कैंप के लिए विधानसभा में बहुमत परीक्षण कुछ नई चीजें भी लेकर आया. शिवसेना विधायक संतोष बांगड़ ने शिंदे सरकार के समर्थन में वोट किया. वह कल तक उद्धव खेमे में थे, स्पीकर के चुनाव में भी उन्होंने शिंदे खेमे के उम्मीदवार के खिलाफ वोट डाला था.

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इसी के साथ Peasants and Workers Party of India के श्याम सुंदर शिंदे ने भी एकनाथ शिंदे सरकार के पक्ष में वोट किया.

जानकारी के मुताबिक, दो विधायक (राहुल पाटिल, कैलाश पाटिल) ऐसे भी थे जो अबतक शिंदे के साथ थे. वे गुवाहाटी के होटल में शिंदे कैंप का हिस्सा थे. लेकिन अब फ्लोर टेस्ट के दौरान उन्होंने फिर पाला बदल लिया. अब उन्होंने शिंदे सरकार के खिलाफ यानी उद्धव के समर्थन में वोट डाला.

वोट नहीं डाल पाये पांच विधायक

विपक्ष के वोट इसलिए भी कम हुए क्योंकि कुछ वोट डाल नहीं पाये, वहीं कुछ ने जानबूझकर इससे दूरी बनाई. विपक्ष के पांच विधायक वोट नहीं डाल पाये. इसमें कांग्रेस के अशोक चव्हाण, विजय वडेट्टीवार और NCP के अन्ना बंसोडे, संग्राम जगताप शामिल हैं. ये चारों लेट हो गये थे. फिर इनको सदन के अंदर नहीं जाने दिया गया.

कौन नहीं डाल पाया वोट? 

1) नवाब मलिक - NCP
2)अनिल देशमुख - NCP
3)दिलीप मोहिते - NCP
4) दत्तात्रेय भरने - NCP
5) अन्ना बंसोडे - NCP
6) बबन दादा शिंदे - NCP
7) नरहरि जिरवाल (डिप्टी स्पीकर)

8) मुक्ता तिलक - BJP
9) लक्ष्मण जगताप - BJP
10) मुफ्ती इस्माइल - AIMIM
11) प्रणति शिंदे - कांग्रेस
12) जितेन अंतापुरकर - कांग्रेस
13) अशोक चव्हाण - कांग्रेस
14) विजय वडेट्टीवार - कांग्रेस
15) जीशान सिद्दीकी - कांग्रेस
16) धीरज देशमुख - कांग्रेस
17) कुणाल पाटिल - कांग्रेस

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किसने जानबूझकर नहीं डाला वोट?

19) अबू आज़मी - SP
20) रईस शेख - SP
21) शाह फारूख अनवर - AIMIM

कांग्रेस में चल रही आतंरिक कलह?

कांग्रेस के कुछ विधायकों ने जानबूझकर वोट नहीं डाला, ऐसा कहा जा रहा है. जानकारी के मुताबिक, अशोक चव्हाण और बालासाहेब थोराट के बीच सब ठीक नहीं चल रहा है. इस वजह से अशोक चव्हाण के समर्थन वाले विधायक जानबूझ वोट डालने नहीं पहुंचे. इस बीच बालासाहेब थोराट ने कांग्रेस के विधानसभा नेता के पद से इस्तीफा दे दिया, जो कि मंजूर होना बाकी है.

 

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