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कांग्रेस-NCP ही नहीं, सदन में इन दलों ने भी दिया उद्धव सरकार का साथ

छोटे दलों के साथ आने से महा विकास अघाड़ी को समर्थन करने वाले विधायकों का आंकड़ा 169 तक पहुंच गया. इसमें शिवसेना के 56, एनसीपी के 54, कांग्रेस के 44, सपा के 2, स्वाभिमानी शेतकारी  के 1, बहुजन विकास अघाड़ी के 3 और निर्दलीय 10 विधायक हैं.

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विधानसभा पहुंचे सीएम उद्धव ठाकरे (फोटो-Mangesh Amber)
विधानसभा पहुंचे सीएम उद्धव ठाकरे (फोटो-Mangesh Amber)

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  • उद्धव सरकार को मिला 169 विधायकों का समर्थन
  • 10 निर्दलीय विधायकों ने भी दिया साथ

महाराष्ट्र में उद्धव सरकार के पक्ष में कई छोटे दलों ने वोट दिया है. शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और कांग्रेस के अलावा किसान और वर्कर्स पार्टी ऑफ इंडिया (पीडब्लूपी), बहुजन विकास अघाड़ी, स्वाभिमानी शेतकारी संगठन के विधायकों ने भी उद्धव सरकार के पक्ष में वोट किया है.

पढ़ें फ्लोर टेस्ट की लाइव कवरेज

छोटे दलों के साथ आने से महा विकास अघाड़ी को समर्थन करने वाले विधायकों का आंकड़ा 169 तक पहुंच गया. इसमें शिवसेना के 56, एनसीपी के 54, कांग्रेस के 44, सपा के 2, स्वाभिमानी शेतकारी  के 1, बहुजन विकास अघाड़ी के 3 और निर्दलीय 10 विधायक हैं. इसके  अलावा पीडब्लूपी के 1 विधायक ने भी सरकार को समर्थन दिया है. एनसीपी के विधायक दिलीप वलसे पाटिल प्रोटेम स्पीकर हैं और उन्होंने वोट नहीं दिया.

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क्या है बहुमत का आंकड़ा

महाराष्ट्र विधानसभा में कुल सीटें 288 हैं. बहुमत के लिए कम से कम 145 विधायकों का समर्थन जरूरी है. शिवसेना के 56, एनसीपी के 54, कांग्रेस के 44 विधायको को मिलकर आंकड़ा 154 तक पहुंचता है. इसमें से एनसीपी विधायक दिलीप वलसे पाटिल ने प्रोटेम स्पीकर होने की वजह से वोट नहीं किया.

उद्धव को नहीं मिला MNS विधायक का वोट

बहुमत परीक्षण के दौरान 4 विधायकों ने किसी पक्ष में मतदान नहीं किया. यानी कि इन विधायकों ने न तो सरकार के पक्ष में मतदान किया और न ही विरोध में. बहुमत परीक्षण के दौरान तटस्थ रहने वाले विधायकों में एक MNS विधायक, दो AIMIM विधायक और एक सीपीआईएम विधायक शामिल हैं.

सरकार से बनाने से पहले 162 विधायकों का दावा

शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी ने सरकार बनने से पहले ही हयात होटल में बहुमत परीक्षण का डेमो किया था और तब बताया था कि उनके पास 162 विधायक हैं. इन्हीं 162 विधायकों के हस्ताक्षर वाला पत्र उन्होंने राज्यपाल को सौंपा था और सरकार बनाने की बात कही थी.

डिप्टी सीएम का विवाद हुआ खत्म

सूत्रों की मानें तो सीटों की संख्या सुरक्षित होने के बावजूद उद्धव ठाकरे के लिए आखिरी दौर की दिक्कतें बनी हुई थीं, लेकिन अब आखिरी पेच भी खत्म हो गया है. कांग्रेस ने ऐन वक्त पर डिप्टी सीएम पोस्ट की डिमांड कर दी थी, लेकिन कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने स्पीकर पद के लिए उम्मीदवार तय कर दिया है. इससे साफ हो गया कि कांग्रेस डिप्टी सीएम पद के बदले स्पीकर पद पर सहमत हो गई है.

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