महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना के बीच अभी मुख्यमंत्री पद पर खींचतान जारी है. इसी वजह से सरकार गठन में देरी हो रही है. भाजपा ने बुधवार को देवेंद्र फडणवीस को अपने विधायक दल का नेता चुन लिया और आज शिवसेना विधायक दल की बैठक है. इसी के बाद दोनों पार्टियों के बीच बातचीत आगे बढ़ेगी, भाजपा की ओर से शिवसेना को कैबिनेट में कुल 13 पद ऑफर किए जा सकते हैं. इसमें भाजपा डिप्टी सीएम के पोस्ट पर भी विचार कर सकती है.
सूत्रों की मानें तो भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना के बीच सरकार गठन पर बातचीत जारी है. इसमें 13 मंत्रालय, डिप्टी सीएम पोस्ट के साथ PWD मंत्रालय देने पर विचार चल रहा है. हालांकि, बीजेपी शिवसेना को वित्त मंत्रालय देने पर राजी नहीं है. PWD मंत्रालय को भी इन 13 मंत्रालयों में शामिल किया गया है.
गुरुवार को जब शिवसेना अपना विधायक दल का नेता चुन लेगी, तब भाजपा की ओर से आधिकारिक बातचीत शुरू की जाएगी. बुधवार को देवेंद्र फडणवीस ने पहले ही कहा था कि वह ही मुख्यमंत्री बनेंगे और 50-50 फॉर्मूले के तहत शिवसेना को CM पोस्ट नहीं दिया जाएगा.
For last 5 years, I worked as Chhatrapati Shivaji Maharaj’s sevak & will continue to do so for next 5 years.
Constitution given by BharatRatna Dr Babasaheb Ambedkar is like Geeta, Bible & Quran for us.
Will reach till the last man with basic principles of our great constitution! pic.twitter.com/7Czte0zmUL
— Devendra Fadnavis (@Dev_Fadnavis) October 30, 2019
बीजेपी सूत्रों की मानें, तो भाजपा रोटेशनल CM यानी ढाई-ढाई साल के फॉर्मूले पर बिल्कुल भी राजी नहीं है. 50-50 फॉर्मूले की बात सीट बंटवारे से पहले हुई थी, जब सीट ही उस आधार पर नहीं हुई तो अब इसपर आगे नहीं बढ़ा जाएगा.
शिवसेना के समर्थन के अलावा अब भाजपा के पास कुल 15 निर्दलीयों का भी समर्थन है. इनमें कुछ वो भी हैं जो किसी राजनीतिक दल के इकलौते विधायक हैं. यानी 105 BJP के और 15 अन्यों का समर्थन, वहीं दूसरी ओर शिवसेना अपने 56 विधायकों के अलावा 7 निर्दलीयों का समर्थन होने का दावा कर रही है.
शिवसेना-बीजेपी में क्यों अटकी है बात?
शिवसेना और भाजपा के बीच पिछले कुछ दिनों से मुख्यमंत्री पद को लेकर तू-तू मैं-मैं चल रही है. शिवसेना मुख्यमंत्री पद पर अड़ी है तो बीजेपी इसपर बिल्कुल भी राजी नहीं है. इसी खींचतान के बाद बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने अपना महाराष्ट्र दौरा रद्द कर दिया था.
हालांकि, बुधवार को जब देवेंद्र फडणवीस BJP विधायक दल के नेता चुने गए तो उन्होंने शिवसेना के प्रति नरम रुख अपनाया और अपने संबोधन में शिवसेना का साभार जताया. देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि कोई संदेह नहीं होना चाहिए, भाजपा-शिवसेना एक साथ सरकार बनाएंगे.