महाराष्ट्र (Maharashtra) के कोल्हापुर जिले के विशालगढ़ किले में अतिक्रमण हटाने पहुंची पुलिस-प्रशासन की टीम पर स्थानीय लोगों ने पथराव किया. घटना को लेकर पुलिस ने 500 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है. इस घटना को लेकर अब उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का भी बयान सामने आया है. उन्होंने किले पर अतिक्रमण के मुद्दे को कानूनी रूप से हल करने के लिए महायुति सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया.
पीटीआई के मुताबिक फडणवीस ने संवाददाताओं से कहा, "विशालगढ़ किले पर अतिक्रमण और अवैध निर्माण एक पुराना मुद्दा है, जो पूर्व राज्यसभा सदस्य छत्रपति संभाजीराजे द्वारा अवैध निर्माण के खिलाफ आवाज उठाने के कारण फिर से सामने आया है."
बता दें कि कोल्हापुर जिले में स्थित विशालगढ़ किले पर अतिक्रमण विरोधी अभियान रविवार को हिंसक हो गया, जब भीड़ ने पुलिसकर्मियों पर पथराव किया और संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया. इस मामले में 21 लोगों को गिरफ्तार किया गया. स्थिति तब तनावपूर्ण हो गई, जब पुणे से आए मराठा राजघराने के पूर्व सांसद संभाजीराजे छत्रपति के नेतृत्व में कुछ दक्षिणपंथी कार्यकर्ताओं को निषेधाज्ञा के मद्देनजर किले के तल पर रोक दिया गया.
मंगलवार को महा विकास अघाड़ी के नेताओं, जिनमें कोल्हापुर के सांसद छत्रपति शाहू महाराज और एमएलसी सतेज पाटिल शामिल हैं, ने विशालगढ़ का दौरा किया. छत्रपति शाहू ने सरकार से स्थल पर शांति सुनिश्चित करने की अपील की. फडणवीस ने कहा, "राज्य सरकार विशालगढ़ में शांति स्थापित करना चाहती है. हम विशालगढ़ और महाराष्ट्र के हर किले में कानूनी ढांचे के भीतर अतिक्रमण हटाना चाहते हैं."
उपमुख्यमंत्री ने विपक्षी नेताओं से विशालगढ़ मुद्दे पर अपनी स्थिति स्पष्ट करने का आग्रह किया है, और अवैध निर्माणों से निपटने के दौरान ऐतिहासिक स्थलों को संरक्षित करने की आवश्यकता पर जोर दिया.
वहीं घटना के बाद से सरकार विपक्ष की आलोचना का सामना कर रही है, जिसका दावा है कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली भाजपा-शिवसेना-राकांपा सरकार के तहत महाराष्ट्र में "जंगल राज" चल है.
इतिहास के नजरिए से अहम है किला
यह किला मराठा इतिहास में काफी अहमियत रखता है, क्योंकि छत्रपति शिवाजी महाराज 1660 में पन्हाला किले पर घेरे जाने के बाद यहां पहुंचे थे. 1844 में, विशालगढ़ पर कोल्हापुर राज्य का शासन था, जब एक ब्राह्मण शासक के खिलाफ विद्रोह हुआ था, जब सिंहासन का स्वाभाविक उत्तराधिकारी नाबालिग था.
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक निकेश खाटमोड़े पाटील ने बताया कि किला विशालगढ़ के पास अतिक्रमण हटाने करने का काम प्रशासन ने शुरु किया.
विशालगढ़ किले पर अतिक्रमण हटाने के संबंध में लंबित अदालती मामलों के संबंध में सरकारी अटॉर्नी जनरल, बॉम्बे हाई कोर्ट की राय मांगी गई थी. 15 जुलाई 2024 को प्राप्त उस फीडबैक में कहा गया है कि उन याचिकाकर्ताओं को छोड़कर अन्य अतिक्रमण हटाए जा सकते हैं, जिनके पास हाई कोर्ट और अन्य अदालतों में स्थगन आदेश हैं. संबंधित फीडबैक मिलते ही प्रशासन ने अतिक्रमण हटाओ अभियान शुरू कर दिया.