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महाराष्ट्र: ड्यूटी पर तंबाकू खाना 9 सरकारी कर्मचारियों को पड़ा महंगा, 1600 रुपये का चालान, जानें क्या है नियम

महाराष्ट्र में सार्वजनिक जगह पर तंबाकू का सेवन करना अपराध है. ऐसा करने पर सजा और जुर्माने का प्रावधान किया गया है. लातूर से यह नियम तोड़ने का ताजा मामला सामने आया है. यहां नौ सरकारी कर्मचारियों पर 1600 रुपये का जुर्माना लगा दिया गया है. उनके खिलाफ यह कार्रवाई कोटपा अधिनियम 2003 के तहत की गई है. जानते हैं कि क्या कहता है यह नियम.

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महाराष्ट्र में सार्वजनिक जगह पर तंबाकू का सेवन करना है अपराध (सांकेतिक फोटो)
महाराष्ट्र में सार्वजनिक जगह पर तंबाकू का सेवन करना है अपराध (सांकेतिक फोटो)

महाराष्ट्र के लातूर में ड्यूटी के दौरान तंबाकू का सेवन करना नौ सरकारी कर्मचारियों को महंगा पड़ा गया. उनके खिलाफ विभाग ने कार्रवाई कर दी. एक अधिकारी ने बताया कि सोमवार को कलेक्टर कार्यालय और स्वास्थ्य सेवाओं के उप निदेशक कार्यालय के औचक निरीक्षण के बाद उनसे 1,600 रुपये का जुर्माना वसूला गया. उन्होंने कहा कि जिला कलेक्टर पृथ्वीराज बीपी ने जिले के सभी सरकारी कार्यालयों को तंबाकू मुक्त करने का निर्देश दिया है. जानते हैं उस नियम के बारे में जिसके तहत यह कार्रवाई की गई है. 

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भारत में सिगरेट और दूसरे तंबाकू प्रोडक्ट की बिक्री और उसके सेवन पर रोक लगाने के लिए 1975 में सिगरेट एक्ट लागू किया गया था. इसके बाद 2003 में इसमें संशोधन किया गया, जिसे सिगरेट एंड अदर टोबेको प्रोडक्ट अधिनियम (कोटपा) अधिनियम 2003 कहा गया. कोटपा अधिनियम के तहत 33 धाराओं के तहत सजा का प्रावधान है.

कोटपा ऐक्ट में ये पांच धाराएं हैं अहम

धारा 4 – सभी सार्वजनिक जगहों पर पर धूम्रपान पर पूरी तरह से बैन रहेगा. सरकारी-निजी क्षेत्र के सर्वजनिक स्थलों पर नो-स्मोकिंग जोन का साइन बोर्ड लगा होना चाहिए. होटल, रेस्तरां, सिनेमा हॉल, मॉल आदि के मालिकों को 60 सेमी x 30 सेमी बोर्ड पर नो स्मोकिंग बोर्ड प्रदर्शित करना चाहिए. नियम टूटने पर 200 रुपये तक का जुर्माना हो सकता है.

धारा 5 – तंबाकू उत्पादों के प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष विज्ञापन, प्रमोशन और प्रोत्साहन पर  प्रतिबंध रहेगा. तम्बाकू उत्पाद बेचने वाली दुकानों को 60 सेमी x 45 सेमी का बोर्ड प्रदर्शित करना चाहिए, जिसमें तम्बाकू के कारण कैंसर होते हैं. नियमों के उल्लंघन करने पर 1000 रुपये से 5000 रुपये जुर्माना या 10-5 साल की कैद हो सकती है.

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धारा 6(क) – 18 वर्ष से कम आयु के नाबालिगों को तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर प्रतिबंध है. दुकानों को बोर्ड दिखाना चाहिए कि तंबाकू उत्पाद की बिक्री 18 वर्ष से कम है. नियम तोड़ने पर 200 रुपये के जुर्माने का प्रावधान है.

धारा 6(ख) – शिक्षा संस्थान के 100 यार्ड के भीतर तंबाकू उत्पादों की बिक्री दंडनीय है. उल्लंघन करने पर 200 रुपये तक जुर्माना हो सकता है.

धारा-7- बगैर विशिष्ट स्वास्थ्य चेतावनी के सिगरेट और अन्य तंबाकू की बिक्री पर प्रतिबंध होगा. इस चेतावनी को बड़े अक्षरों में लिखना अनिवार्य होगा. यह नियमों को तोड़ने पर पांच हजार रुपये का जुर्माना और दो साल की सजा का प्रावधान है. दूसरी दफा नियमों को तोड़ने पर 10 हजार रुपये का जुर्माना या पांच साल की सजा का प्रावधान है. पहली बार नियमों को तोड़ने पर एक हजार से रुपये का जुर्माना या एक साल की कैद का प्रावधान है, जबकि, दूसरी दफा नियमों को तोड़ने पर तीन हजार रुपये का जुर्माना या दो साल की कैद का प्रावधान है.

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