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वसूली मामला: लापरवाही, अनुशासनहीनता समेत इन 5 प्वाइंट्स पर परमबीर सिंह के खिलाफ जांच शुरू

परमबीर सिंह के खिलाफ प्रारंभिक जांच को लेकर पांच प्वाइंट का जिक्र किया गया है जिसके बिनाह पर जांच की जानी है. इंडिया टुडे को इस ऑर्डर के बारे में मिली जानकारी के मुताबिक इन प्वाइंट्स पर जांच होनी है.

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मु्ंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह. (फाइल फोटो)
मु्ंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह. (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • परमबीर सिंह ने अनिल देशमुख पर लगाया था आरोप
  • सीएम उद्धव ठाकरे को लिखा था पत्र
  • पांच प्वाइंट्स के आधार पर परमबीर के खिलाफ होनी है जांच

महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ परमबीर सिंह द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच सीबीआई ने शुरू कर दी है. इस बीच महाराष्ट्र सरकार ने भी मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह के खिलाफ प्रारंभिक जांच एक डीजीपी स्तर के अधिकारी को सौंप दी है. 

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महाराष्ट्र सरकार ने मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह के खिलाफ अप्रैल में प्रारंभिक जांच के आदेश दिए थे जिसके बाद जांच की डिटेल्स मुंबई पुलिस कमिश्नर हेमंत नगराले ने जमा कर दी है. परमबीर सिंह ने महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे को एक पत्र लिखा था जिसमें आरोप लगाया था कि अनिल देशमुख ने सचिन वाजे और एसीपी पाटिल को वसूली करने के लिए कहा था.

इस लेटर में लिखा गया था कि देशमुख ने वाजे और पाटिल से बार और रेस्त्रां से महीने में 100 करोड़ रुपये वसूलने का टारगेट दिया था. इस आरोप के बाद परमबीर सिंह के खिलाफ प्रारंभिक जांच को लेकर पांच प्वाइंट का जिक्र किया गया है जिसके बिनाह पर जांच की जानी है. इंडिया टुडे को इस ऑर्डर के बारे में मिली जानकारी के मुताबिक इन प्वाइंट्स पर जांच होनी है.

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1. सचिन वाजे की बहाली की गई और उसे क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट में तैनात किया गया जबकि वाजे की पोस्टिंग को लेकर ज्वाइंट कमिश्नर ने विरोध जताया था. वाजे को कई महत्वपूर्ण और संवेदनशील केस की जांच सौंपी गई. वाजे तत्कालीन सीपी परमबीर सिंह को रिपोर्ट करता था. एनआईए ने वाजे को एंटीलिया केस में गिरफ्तार किया गया. पुलिस का इस केस में नाम आने से पहले वाजे ही इस केस की जांच कर रहा था. तत्कालीन पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह अपने अंडर के पुलिस कर्मचारियों पर नजर नहीं रख पाए और उनकी हरकतों को नियंत्रित नहीं कर पाए. इसलिए परमबीर सिंह की अपने लोगों की देखरेख में विफलता के बारे में पूछताछ की जानी चाहिए.
 

2. एंटीलिया के बाहर संदिग्ध कार की घटना 25 फरवरी को सामने आई थी.यह घटना विधानसभा में बजट सत्र से ठीक पहले हुई. इतनी बड़ी घटना की जानकारी राज्य सरकार को दी जानी चाहिए थी लेकिन ऐसा नहीं किया गया. इससे ये पता चलता है कि परमबीर सिंह अपनी ड्यूटी को लेकर लापरवाह और सुस्त थे. ऐसा क्यों?

3. सीएम उद्धव ठाकरे को परमबीर सिंह की तरफ से लिखा गया पत्र 20 मार्च को मिला. ठीक इसी दिन यह पत्र मीडिया प्लेटफॉर्म्स द्वारा भी प्रसारित किया गया. इससे महाराष्ट्र की राज्य सरकार की छवि खराब हुई. यह पत्र सही माध्यम से सरकार के पास नहीं भेजा गया था जो कि All India Civil Service rules, 1968 का उल्लंघन है. परमबीर सिंह ने ऐसा क्यों किया?

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4. परमबीर सिंह ने राज्य सरकार के खिलाफ जाते हुए सुप्रीम कोर्ट और बॉम्बे हाईकोर्ट का रुख किया और मांग की कि देशमुख के खिलाफ लगे आरोपों की जांच सीबीआई द्वारा की जानी चाहिए. यह उनके अनुशासनहीन व्यवहार को दर्शाता है और यह  All India Civil Service rules, 1968 का उल्लंघन भी है. इसकी जांच होनी चाहिए कि परमबीर सिंह ने ऐसा क्यों किया.

5. परमबीर सिंह ने अपने सीनियर को सूचित नहीं किया और बजट सत्र के दौरान एंटीलिया केस के बारे में अधूरी जानकारी दी. इस बात की भी जांच होनी चाहिए कि परमबीर सिंह ने ऐसा क्यों किया.

 

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