महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के बयान पर पूरे महाराष्ट्र में बवाल मचा है. जहां उद्धव खेमे की शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के नेता उनपर निशाना साध रहे हैं, तो वहीं बीजेपी ने भी उन्हें ऐसा बयान न देने के सलाह दे डाली. उद्धव खेमे के नेता संजय राउत ने कहा कि राज्य में ऐसा गुस्सा कभी किसी राज्यपाल के खिलाफ नहीं देखा. लोग हंगामा कर रहे हैं. महाराष्ट्र में राज्यपाल पद की गरिमा खत्म हो गई, क्योंकि बीजेपी ने राजभवन को अपना पार्टी मुख्यालय बना रखा है. आईए जानते हैं कि आखिर ये पूरा बवाल क्या है?
क्या कहा था भगत सिंह कोश्यारी ने?
दरअसल, राज्यपाल कोश्यारी औरंगाबाद में स्थित डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर मराठवाड़ा विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में शामिल हुए थे. यहां उन्होंने केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी और NCP सुप्रीमो शरद पवार को डिलिट की उपाधि से नवाजा. इस दौरान कोश्यारी ने शिवाजी महाराज को पुराने युग का आदर्श बताया था और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और शरद पवार को नए युग का आदर्श बताया था.
भगत सिंह कोश्यारी ने कहा कि अगर कोई आपसे पूछता है कि आपका आदर्श कौन है, तो आपको उसे खोजने के लिए बाहर जाने की जरूरत नहीं है, वे आपको यहीं महाराष्ट्र में मिल जाएंगे. छत्रपति शिवाजी महाराज तो पुराने युग की बात है. अब नए युग में तो डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर से लेकर नितिन गडकरी तक आपको यहीं मिल जाएंगे.
उन्होंने कहा- 'पहले जब हम स्कूल-कॉलेज में पढ़ते थे तो हमसे पूछा जाता था कि आपका पसंदीदा हीरो, पसंदीदा नेता कौन है? हम सुभाष चंद्र बोस, जवाहरलाल नेहरू और गांधीजी कहते थे. लेकिन मुझे लगता है कि अगर कोई आपसे पूछे कि आपका आइकन कौन है? आपका पसंदीदा हीरो कौन है? तो महाराष्ट्र के बाहर जाने की जरूरत नहीं है. ये आपको महाराष्ट्र में मिल जाएंगे और 'शिवाजी' उनमें से एक हैं, हालांकि, वह अब पुरानी पीढ़ी के हैं. तो बात करते हैं नई पीढ़ी की जो आपको यहां डॉ. अंबेडकर से लेकर डॉ. गडकरी यानी नितिन गडकरी जी तक मिलेंगे.
कोश्यारी के बयान पर विपक्ष का हंगामा
कोश्यारी के बयान पर महाराष्ट्र में विपक्षी दल एनसीपी, कांग्रेस, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) और अन्य संगठन विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं. शिवसेना (उद्धव-बालासाहेब) के नेता आदित्य ठाकरे ने ट्विटर पर राज्यपाल के खिलाफ पोल शुरू किया. इसमें उन्होंने राज्यपाल को हटाने को लेकर लोगों से तीन ऑप्शन्स में राय मांगी. उधर, संजय राउत ने कहा कि महाराष्ट्र में राज्यपाल पद की गरिमा खत्म हो गई है क्योंकि बीजेपी ने राजभवन को अपना पार्टी मुख्यालय बना लिया है. हम उन्हें राज्यपाल मानने को तैयार नहीं हैं. वे बीजेपी के कार्यकर्ता की तरह काम कर रहे हैं. राज्यपाल तटस्थ होता है. उसके शब्दों और आचरण में गरिमा दिखनी चाहिए. लेकिन हमारे राज्यपाल छत्रपति शिवाजी पर ऐसे बयान दे रहे हैं. वे महाराष्ट्र का मजाक बना रहे हैं.
एनसीपी ने खोला मोर्चा
एनसीपी नेता सुप्रिया सुले ने भी हमला बोला. उन्होंने कहा कि भाजपा को मराठा राजा का नाम लेने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है. उन्होंने डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस के बयान का भी विरोध किया. वहीं, छत्रपति शिवाजी के वंशज और भाजपा के राज्यसभा सांसद उदयनराजे भोसले ने राज्यपाल और भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी को हटाने की मांग की. भोसले ने कहा कि अगर उनकी मांग पर कोई फैसला नहीं हुआ तो वह अपने भविष्य की रणनीति तय करेंगे.
बीजेपी ने भी दी बयान न देने की सलाह
महाराष्ट्र भाजपा अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने सोमवार को कहा कि राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) प्रमुख शरद पवार की तुलना महान मराठा योद्धा छत्रपति शिवाजी महाराज से नहीं करनी चाहिए थी. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के सभी लोग ऐसा ही महसूस करते हैं. हालांकि, यह नहीं भूलना चाहिए कि राज्यपाल शिवाजी महाराज से प्रेरणा लेकर अपने कार्यालय में काम कर रहे हैं. बावनकुले ने कहा कि राज्य में विपक्ष उन्हें निशाना बनाने का बहाना ढूंढ रहा है और पिछले ढाई साल के उनके अच्छे कामों को नजरअंदाज कर रहा है.
उधर, डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा- एक बात स्पष्ट है कि छत्रपति शिवाजी महाराज सूर्य और चंद्रमा के अस्तित्व तक महाराष्ट्र और हमारे देश के नायक और मूर्ति बने रहेंगे. यहां तक कि कोश्यारी के मन में भी इस बारे में कोई संदेह नहीं है. इस तरह की टिप्पणियों के विभिन्न अर्थ निकाले गए हैं.