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'शिवाजी पुराने, नए युग के आदर्श हैं गडकरी' राज्यपाल कोश्यारी का विवादित बयान

डॉ बाबासाहेब अम्बेडकर मराठवाड़ा विश्विद्यालय के दीक्षांत समारोह में महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने छात्रों को संबोधित किया. यहां उन्होंने कहा कि अगर कोई आपसे पूछता है कि आपका आदर्श कौन है, तो आपको उसे खोजने के लिए बाहर जाने की जरूरत नहीं है, वे आपको यहीं महाराष्ट्र में मिल जाएंगे.

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महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी
महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी

महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी एक बार फिर विवादित बयान के चलते सुर्खियों में हैं. कारण, इस बार उन्होंने शिवाजी महाराज को पुराने युग के आदर्श बताते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को नए युग का आदर्श बता दिया. दरअसल, राज्यपाल कोश्यारी औरंगाबाद में स्थित डॉ बाबासाहेब अम्बेडकर मराठवाड़ा विश्विद्यालय के दीक्षांत समारोह में शामिल हुए थे. यहां उन्होंने केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी और NCP सुप्रीमो शरद पवार को डिलिट की उपाधि से नवाजा.

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इस मौके पर छात्रों को संबोधित करते हुए भगत सिंह कोश्यारी ने कहा कि अगर कोई आपसे पूछता है कि आपका आदर्श कौन है, तो आपको उसे खोजने के लिए बाहर जाने की जरूरत नहीं है, वे आपको यहीं महाराष्ट्र में मिल जाएंगे. छत्रपति शिवाजी महाराज तो पुराने युग की बात है. अब नए युग में तो डॉ बाबासाहेब अंबेडकर से लेकर नितिन गडकरी तक आपको यहीं मिल जाएंगे. 

उन्होंने कहा, "पहले जब हम स्कूल-कॉलेज में पढ़ते थे तो हमसे पूछा जाता था कि आपका पसंदीदा हीरो, पसंदीदा नेता कौन है? हम सुभाष चंद्र बोस, जवाहरलाल नेहरू और गांधीजी कहते थे. लेकिन मुझे लगता है कि अगर कोई आपसे पूछे कि आपका आइकन कौन है? आपका पसंदीदा हीरो कौन है? तो महाराष्ट्र के बाहर जाने की जरूरत नहीं है. ये आपको महाराष्ट्र में मिल जाएंगे और 'शिवाजी' उनमें से एक हैं, हालांकि, वह अब पुरानी पीढ़ी के हैं. तो बात करते हैं नई पीढ़ी की जो आपको यहां डॉ. अंबेडकर से लेकर डॉ. गडकरी यानी नितिन गडकरी जी तक मिलेंगे.

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पहले भी राज्यपाल के बयान पर हो चुका है विवाद

बता दें कि इससे पहले भी राज्यपाल के बयान को लेकर काफी विवाद हुआ था. जिसके बाद उन्हें माफी भी मांगनी पड़ी थी. दरअसल, उन्होंने इसी साल 29 जुलाई को एक सार्वजनिक कार्यक्रम में कहा था, ''कभी-कभी मैं यहां लोगों से कहता हूं कि महाराष्ट्र में विशेषकर के मुंबई-ठाणे से गुजरातियों और राजस्थानियों को निकाल दो, तो तुम्हारे यहां पैसा बचेगा ही नहीं. ये मुंबई आर्थिक राजधानी कहलाती, वो आर्थिक राजधानी कहलाएगी ही नहीं.''

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