महाराष्ट्र के राज्यपाल सी विद्यासागर राव ने मालाबार हिल स्थित राजभवन परिसर में अंग्रेजों के समय का 150 मीटर लंबे एक बंकर का पता लगाया है, जो कई दशकों से बंद पड़ा था. राजभवन के एक अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस ने मंगलवार देर शाम बंकर का जायजा लिया.
तीन महीने पहले मिली थी सुरंग की जानकारी
राव अपनी पत्नी विनोधा के साथ बंकर देखने गए. इसके बाद राज्यपाल ने इसे संरक्षित करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों से मशविरा करने का अपना इरादा जाहिर किया. राज्यपाल ने बंकर को तब खोलने का निर्देश दिया था, जब तीन महीने पहले पुराने लोगों ने उन्हें राजभवन के अंदर एक सुरंग मौजूद होने के बारे में बताया था.
सुरंग में मौजूद हैं 13 कमरें
अधिकारी ने एक बयान में कहा कि 12 अगस्त को राजभवन में लोकनिर्माण विभाग के कर्मचारियों ने बंकर के प्रवेश को बंद करने वाली एक अस्थाई दीवार खोल दी. एक भूमिगत सुरंग की बजाए कई आकार के 13 कमरों वाली एक पूरी बैरक का पता चला है.
स्वतंत्रता के बाद बंद कर दिया गया था बंकर
यह सुरंग 5 हजार वर्ग फीट क्षेत्र में है और इसमें कई कमरे भी हैं. स्वतंत्रता के बाद इस बंकर को बंद कर दिया गया था. इस अंडरग्राउंड बंकर में जल निकासी से लेकर ताजी हवा और रोशनी आने की पूरी व्यवस्था है. महाराष्ट्र में राजभवनों के इतिहास की बात करें, तो पहले राजभवन को गवर्नमेंट हाउस के नाम से जाना जाता था, जहां 1885 से ब्रिटिश गवर्नरों ने रहना शुरू किया. उससे पहले मालाबर हिल्स में ब्रिटिश गवर्नर गर्मियों में आया करते थे.