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जर्मन बेकरी ब्लास्ट मामले में सुप्रीम कोर्ट पहुंची महाराष्ट्र सरकार

जर्मन बेकरी ब्लास्ट मामले में महाराष्ट्र एटीएस ने इंडियन मुजाहिद्दीन के आतंकी यासीन भटकर को मुख्य आरोपी बनाया था. इसमें सिर्फ एक आरोपी हिमायत बेग ही गिरफ्तार हुआ था. बेग को इंडियन मुजाहिद्दीन का सदस्य बताया गया था.

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जर्मन बेकरी ब्लास्ट मामले की सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो-पीटीआई)
जर्मन बेकरी ब्लास्ट मामले की सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो-पीटीआई)

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साल 2010 में पुणे के जर्मन बेकरी ब्लास्ट मामले में सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार और दोषी की याचिका स्वीकार कर ली है. सरकार और दोषी मिर्जा हिमायत बेग ने बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है.

बता दें कि पुणे के जर्मन बेकरी ब्लास्ट मामले में एक मात्र दोषी मिर्जा हिमायत बेग को बॉम्बे हाईकोर्ट ने आतंकवादी गतिविधियों, साजिश, हत्या, यूएपीए की धाराओं से बरी कर दिया था, जबकि एक्सप्लोजिव एक्ट के तहत निचली अदालत द्वारा दी गई फांसी की सजा को उम्रकैद में तब्दील कर दिया था. महाराष्ट्र सरकार ने अपील में कहा है कि बेग के मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश को खारिज किया जाए और फांसी की सजा को बरकरार रखा जाए. वहीं बेग ने हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए खुद को बरी करने की मांग की है.

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दरअसल मिर्जा हिमायत बेग को आतंकवादी गतिविधियों के तहत दोषी मानते हुए विशेष अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी. बॉम्बे हाई कोर्ट ने हिमायत बेग को आतंकवादी गतिविधियों से बरी कर दिया था. लेकिन विस्फोटक रखने के लिए के मामले में दोषी मानते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई थी. वहीं सरकार का कहना है कि हिमायत बेग के खिलाफ पर्याप्त सबूत होने के बावजूद हाईकोर्ट ने उसको बरी कर दिया.

गौरतलब है कि 13, फरवरी 2010 को पुणे के जर्मन बेकरी ब्लास्ट में 17 लोगों की मौत हो गई थी और 50 लोग घायल हो गए थे. अप्रैल 2013 में जब विशेष अदालत ने बेग को मौत की सजा सुनाई, उस समय वो अदालत में रो पड़ा था और कहा था की वो निर्दोष है. इतना ही नहीं उसने ये भी कहा था की वह ब्लास्ट का 18वां पीड़ित है. हालांकि इस मामले की जांच कर रही महाराष्ट्र ATS ने उसे ब्लास्ट का मास्टर माइंड बताया था.

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