बजट सत्र में महाराष्ट्र सरकार को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है. अशोक चव्हाण, टोल, आदर्श घोटाले, बिजली दर और एलबीटी के मुद्दे के बीच 12 विधेयक पास करना सरकार के लिए किसी भी कीमत पर आसान नहीं होने वाला है.
सोमवार से शुरू हो रहे चार दिन के बजट सत्र के दौरान आदर्श सोसाईटी घोटाला, टोल, एलबीटी और 16 दागी मंत्रियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग को लेकर कड़ा रुख अख्तियार कर चुके विपक्ष के सामने 12 विधेयक पास कराना नाको चने चबाने के बराबर होगा. विपक्ष ने साफ कर दिया है की जब तक इन मुद्दों पर बात नहीं होगी तब तक वह कुछ भी नहीं होने देगा.
टोल के मुद्दे को लेकर आन्दोलन करने वाली एमएनएस भी इस मुद्दे पर पीछे हटने को तैयार नहीं है. लेकिन सरकार का कहना है की वो सभी मुद्दे पर चर्चा करने को तैयार है और टोल के मुद्दे पर भी वह चर्चा करने को तैयार है.
वहीं मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा है कि हर मुद्दे पर चर्चा होनी चाहिए और नियम के तहत हम किसी भी मुद्दे पर चर्चा करने को तैयार है.
वहीं शिवसेना 16 दागी मंत्रियों के खिलाफ कार्यवाही को लेकर सरकार को घेरने का मन बना रही है. बिजली का मुद्दा भी सरकार के लिए मुसीबत बन सकता है. शिवसेना और बीजेपी दोनों ने सरकार के भर्ष्टाचार को महंगी बिजली दर के लिए जिम्मेदार ठहराया है. शिवसेना नेता सुभाष देसाई ने कहा कि बहुत मुश्किल के बाद महाराष्ट्र में 20 प्रतिशत को सहूलियत मिली लेकिन मुंबई को नहीं. ऐसा क्यों.. क्या मुंबई के लोग महाराष्ट्र में नहीं आते.
इन सभी मुद्दों के बीच देखना होगा की सरकार कैसे चुनाव के पहले 12 विधेयक को पारित करा पाती है.