नेस्ले ने एक बार फिर भारत में मैगी नूडल्स का उत्पादन शुरू कर दिया है. हालांकि एक ओर जहां इसके बाजार में आने में वक्त लगेगा तो वहीं दूसरी ओर इस पर कानूनी अड़चने भी कम नहीं हो रही है. महाराष्ट्र सरकार ने मैगी के उत्पादन पर रोक लगाने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट जाने का फैसला लिया है.
सूत्रों के मुताबिक, बॉम्बे हाईकोर्ट से मैगी को क्लीन चिट दिए जाने के फैसले से असंतुष्ट सरकार ने फूड सेफ्टी एक्ट के तहत बैन करने की मांग कर रही है.
तीन राज्यों में मैगी का उत्पादन शुरू
स्विट्जरलैंड की इस कंपनी ने बॉम्बे हाईकोर्ट से क्लीन चिट मिलने के बाद सोमवार से भारत के अपने तीन प्लांट में उत्पादन शुरू कर दिया. हाईकोर्ट के आदेश के बाद नेस्ले ने मैगी के अपने सभी वैरिएंट की जांच कराई थी. जांच में मैगी को सेहत के लिए नुकसानदायक न पाए जाने के बाद उत्पादन की अनुमति दी गई. फिलहाल कर्नाटक, पंजाब और गोवा में उत्पादन शुरू हुआ है.
रसोई तक पहुंचने में है अभी देर
हाईकोर्ट के आदेश के मुताबिक, नेस्ले को अभी अपने नए माल की जांच भी देश की तीन अलग-अलग लैब से करानी है. इन तीनों टेस्ट में पास होने के बाद ही मैगी बाजार में उपलब्ध हो पाएगी. वैसे गुजरात और कर्नाटक सरकार मैगी से प्रतिबंध हटा चुकी हैं.
इस वजह से लगी थी रोक
मैगी में लेड और मोनोसोडियम ग्लूटामेट की मात्रा तय सीमा से ज्यादा मिलने की वजह से देशभर में इसकी बिक्री पर रोक लगा दी गई थी. इसके बाद नेस्ले सभी स्टोर और दुकानों से मैगी का स्टॉक वापस ले लिया था. फिर दूसरे देशों में भी जांच कराई और अपनी मैगी को पास कराया.