महाराष्ट्र सरकार ने जबरन धर्मांतरण और 'लव जिहाद' मामलों के खिलाफ नए कानून के पहलुओं पर स्टडी करने के लिए राज्य के DGP की अध्यक्षता में सात सदस्यीय कमेटी का गठन किया है. कमेटी में महिला एवं बाल कल्याण, अल्पसंख्यक मामले, कानून एवं न्यायपालिका, सामाजिक न्याय एवं विशेष सहायता विभागों के सचिव और गृह विभाग के उप सचिव शामिल हैं.
शुक्रवार देर रात जारी सरकारी प्रस्ताव (GR) के मुताबिक, समिति राज्य में मौजूदा स्थिति का अध्ययन करेगी और 'लव जिहाद' और जबरन धर्मांतरण की शिकायतों से निपटने के लिए उठाए जाने वाले कदम सुझाएगी. यह समिति कानूनी पहलुओं और अन्य राज्यों में बनाए गए कानूनों पर भी गौर करेगी.
इसके मुताबिक, यह जबरन धर्मांतरण और 'लव जिहाद' की घटनाओं को रोकने के लिए कानून की सिफारिश करेगी. सत्तारूढ़ महायुति ने पिछले साल भी 'लव जिहाद' का मुद्दा उठाया था.
'ये लोग हिटलर कल्चर लाना चाहते हैं...'
कांग्रेस नेता हुसैन दलवई कहते हैं, "लव जिहाद जैसा कुछ होता ही नहीं है. लोकतंत्र में कोई भी धर्म फॉलो कर सकते हैं. हमारा देश सेक्लुयर है, ये लोग देश के फैब्रिक और कल्चर को बिगाड़ना चाहते हैं. ये लोग बताएं कि देश में लव जिहाद के कितने मामले दिखे. ये लोग देश में हिटलर कल्चर लाना चाहते हैं."
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'क्या विपक्ष लव जिहाद को...'
महाराष्ट्र सरकार में मंत्री मंगल लोढ़ा ने कहा, "पूरे देश में लव जिहाद की घटनाएं बढ़ गई हैं. हमने देखा कि श्रद्धा वॉल्कर के कितने टुकड़े हुए. महाराष्ट्र में ऐसे बहुत से मामले हैं. जब लव जिहाद को रोकने की कोशिश होती है, तो विपक्ष को दिक्कत होती है. क्या विपश्र लव जिहाद को देना चाहता है? बच्चियों को न्याय मिलना चाहिए. ये अच्छा है कि कमेटी बनी है, जल्द रिपोर्ट भी आएगी