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Hanuman Chalisa Row: क्या जेल में मिलने वाला खाना घटिया है, जो घर का खाना चाहिए? राणा दंपति से कोर्ट का सवाल

Hanuman Chalisa Row: राणा दंपति की जमानत याचिका पर शनिवार को सुनवाई हुई. कोर्ट ने उनकी घर का खाना देने की याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि इससे जेल की सुरक्षा में खतरा पैदा हो सकता है.

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नवनीत राणा (File Photo)
नवनीत राणा (File Photo)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • सोमवार को जमानत पर फैसला
  • घर का खाना देने की थी गुजारिश

हनुमान चालीसा विवाद के चलते न्यायिक हिरासत में बंद नवनीत राणा और उनके पति रवि राणा की जमानत याचिका पर शनिवार को सुनवाई हुई. मुंबई के बोरीवली की 67वीं मेट्रोपॉलिटन अदालत में मामले की सुनवाई हुई. जमानत पर अदालत सोमवार को अपना फैसला सुनाएगी. कोर्ट में सुनवाई के दौरान राणा दंपति को घर का खाना देने की गुजारिश की. 

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अदालत ने यह कहते हुए उनकी याचिका निरस्त कर दी कि नवनीत और रवि राणा ने यह नहीं दर्शाया है कि जेल में मिलने वाला खाना घटिया है. कोर्ट ने कहा कि उन्होंने ऐसी कोई मेडिकल रिपोर्ट भी जमा नहीं की है, जिससे साबित हो सके कि उन्हें सिर्फ घर का खाना ही दिया जाना चाहिए.

डाइल प्लान फॉलो करते हैं राणा दंपति

बता दें कि पिछले करीब एक सप्ताह से जेल में बंद राणा दंपति ने जेल में घर के खाने की मांग की थी. इस मांग के पीछे तर्क दिया गया था कि दोनों आरोपी चुने हुए संसद और धानसभा सदस्य हैं. सम्मानित, कुलीन और गरिमापूर्ण व्यक्ति होने के कारण वे जेल का खाना खाने के आदी नहीं हैं. याचिका में राणा दंपति ने कहा था कि उन्होंने अपने डाइट प्लान के अलावा कभी भी बाहर का खाना नहीं खाया.

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स्वास्थ्य खराब होने का दिया हवाला

सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि राणा दंपति ने याचिका में कहा है कि वे डाइट प्लान के मुताबिक घर का बना खाना खाते हैं और घरेलू इलाज को प्राथमिकता देते हैं. उन्होंने याचिका में यह भी कहा है कि वे अपने स्वास्थ्य को बेहतर रखने के लिए गुणवत्तायुक्त भोजन लेते हैं. लेकिन उन्हें जेल में वैसा खाना उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है. इसलिए उनका स्वास्थ्य दिन-ब-दिन बिगड़ता जा रहा है. इस आधार पर ही याचिकाकर्ताओं ने घर का खाना और दवाइयां देने की गुजारिश की है.

सुरक्षा का हवाला देकर रद्द की याचिका

कोर्ट ने कहा कि राणा दंपति ने घर का खाना देने की अपील तो की है, लेकिन कोई दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराया, जिससे साबित हो सके कि उन्हें विशेष भोजन की जरूरत है. यह साबित करने के लिए कोई मेडिकल रिपोर्ट भी दाखिल नहीं की गई है कि उन्हें दिया जा रहा भोजन उनके स्वास्थ्य के लिए सही नहीं है. कोर्ट ने यहा भी कहा कि जेल के बाहर से भोजन उपलब्ध कराने पर बन्दी की सुरक्षा को खतरा हो सकता है. 

सरकारी वकील ने जताई कड़ी आपत्ति

राणा दंपति की याचिका पर सरकारी वकील ने कड़ी आपत्ति जताई. उन्होंने आवेदन को अवैध बताय. सरकारी वकील ने कहा कि जेल के अधिकारी सभी कैदियों को स्वच्छ भोजन उपलब्ध करा रहे हैं. बाहर से भोजन उपलब्ध कराने पर जेल की सुरक्षा व्यवस्था को खतरा हो सकता है.

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क्या है पूरा मामला?

नवनीत राणा लाउडस्पीकर विवाद के बीच राणा दंपति ने उद्धव ठाकरे के घर 'मातोश्री' के बाहर हनुमान चालीसा पढ़ने का ऐलान किया था. इसके बाद 22 अप्रैल की सुबह से ही उनके घर के बाहर शिवसैनिक भारी संख्या में जुट गए थे. उन्होंने दिनभर राणे दंपति के घर के बाहर हंगामा किया. शिवसैनिकों ने राणे दंपति पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का केस दर्ज करवा दिया था. इसके बाद पुलिस ने आईपीसी की धारा 153 ए (धर्म, जाति या भाषा के आधार पर 2 समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने के लिए) के तहत राणा दंपति को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था.

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