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महाराष्ट्र में आज से मॉनसून सत्र, सुशांत केस और कंगना पर उद्धव सरकार को घेरेगी BJP

इससे पहले विपक्षी पार्टी बीजेपी ने सुशांत सिंह मामले में पुलिस पर दबाव बनाने के लिए जांच पर सवाल उठाए थे. महाराष्ट्र में बीजेपी और शिवसेना के बीच इस मुद्दे को लेकर राजनीतिक जंग देखी जा रही है.

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सुशांत सिंह राजपूत (फाइल फोटो- पीटीआई)
सुशांत सिंह राजपूत (फाइल फोटो- पीटीआई)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • सात सितंबर से महाराष्ट्र विधानसभा सत्र
  • सुशांत मुद्दे पर विपक्ष हो सकता है हावी
  • कोरोना के चलते बरती कई सावधानियां

देश में कोरोना वायरस का कहर लगातार बढ़ता ही जा रहा है. महाराष्ट्र कोरोना वायरस के कारण सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य है. वहीं राज्य में सुशांत सिंह राजपूत के मौत का मामला भी काफी सुर्खियों में है. इस बीच महाराष्ट्र विधानसभा का मानसून सत्र भी शुरू होने वाला है.

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दो बार स्थगित होने के बाद सात सितंबर सोमवार से महाराष्ट्र विधानसभा का मानसून सत्र शुरू होगा. विधानसभा का ये सत्र दो दिन का होगा. माना जा रहा है कि इस सत्र में सुशांत सिंह राजपूत और कंगना रनौत के खिलाफ हुई बयानबाजी का मुद्दा हावी रह सकता है. वहीं बीजेपी दोनों मुद्दों पर महाराष्ट्र सरकार पर सत्र में हावी हो सकती है.

इससे पहले विपक्षी पार्टी बीजेपी ने सुशांत सिंह मामले में पुलिस पर दबाव बनाने के लिए जांच पर सवाल उठाए थे. महाराष्ट्र में बीजेपी और शिवसेना के बीच इस मुद्दे को लेकर राजनीतिक जंग देखी जा रही है. वहीं कुछ बीजेपी नेताओं का आरोप है कि 'युवा मंत्री' जांच में हस्तक्षेप कर रहे हैं.

विपक्ष हो सकता है हावी

दरअसल, सुशांत सिंह राजपूत की मौत मामले में सीबीआई, ईडी और एनसीबी जांच कर रही है. वहीं दूसरी तरफ अभिनेत्री कंगना रनौत और शिवसेना नेता संजय राउत के बीच जुबानी जंग भी देखी जा रही है. कंगना और संजय राउत दोनों एक दूसरे पर आक्रामक बयान दे चुके हैं. ऐसे में दो दिवसीय सत्र में दोनों मुद्दों पर विपक्ष के हावी होने की संभावना है.

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सावधानियां बरती गईं

वहीं कोरोना वायरस महामारी के बीच मानसून सत्र हो रहा है. ऐसे में कई सावधानियां भी बरती गई हैं. विधान भवन के अंदर कीटाणुनाशक अल्ट्रा वायलेट लाइटें लगाई गई हैं. विधायक, कर्मचारी और पत्रकारों का कोरोना टेस्ट होगा. जो कोरोना निगेटिव होंगे, उन्हें ही सत्र में भाग लेनी की इजाजत होगी.

वहीं विधायकों के व्यक्तिगत सहायकों (पीए) को विधान भवन के अंदर एंट्री की अनुमति नहीं होगी. केवल मंत्रियों के पीए ही साथ आ सकते हैं. विधायकों को एक विशेष किट दी जाएगी. जिसमें फेस शिल्ड, मास्क, ग्लब्स और सैनिटाइजर होगा. इसके अलावा 288 विधायकों में से केवल 228 विधायकों को ही विधानसभा के हॉल के अंदर अनुमति दी जाएगी. बाकी 60 को आगंतुकों या स्टूडेंट गैलरी में बैठाया जाएगा.

 

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