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शिंदे सरकार ने मानी अन्ना हजारे की मांग, भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए राज्य में बनेगा लोकायुक्त

महाराष्ट्र सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए राज्य में लोकायुक्त लाने की बात कर दी है. कैबिनेट बैठक के बाद डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि सरकार ने अन्ना हजारे की अध्यक्षता में बनी उस कमेटी की मांगों को मान लिया है.

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शिंदे सरकार ने मानी अन्ना हजारे की मांग
शिंदे सरकार ने मानी अन्ना हजारे की मांग

महाराष्ट्र सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए राज्य में लोकायुक्त लाने की बात कर दी है. कैबिनेट बैठक के बाद डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि सरकार ने अन्ना हजारे की अध्यक्षता में बनी उस कमेटी की मांगों को मान लिया है जहां पर राज्य में लोकायुक्त लाने की बात कही गई थी. इस बात पर भी जोर दिया गया है कि सीएम और कैबिनेट को लोकायुक्त के दायरे में लाया जाएगा. 

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कब लाया जाएगा लोकायुक्त?

इस फैसले के बारे में देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि अन्ना हजारे राज्य में लोकपाल एक्ट के तर्ज लोकायुक्त चाहते थे. इसी वजह से जब हमारी सरकार थी, हमने अन्ना हजारे की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया था. लेकिन जब राज्य में महा विकास अघाड़ी की सरकार बनी, उन्होंने उन सुझावों पर कोई ध्यान नहीं दिया, तब कोई एक्शन नहीं लिया गया. अब जब हम फिर सत्ता में आए हैं तो इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा रहा है. बताया जा रहा है कि इसी सत्र सरकार इस बिल के साथ पेश हो सकती है. यानी कि राज्य में जल्द ही लोकायुक्त का गठन किया जा सकता है.

ये भी जानकारी दी गई है कि लोकायुक्त में सेवानिवृत्त न्यायाधीशों समेत पांच लोगों को शामिल किया जाएगा. फडणवीस ने जोर देकर कहा है कि ये पिछले पांच महीने में उनकी सरकार द्वारा लिया गया सबसे बड़ा फैसला है. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी इस फैसले को काफी अहम माना है. उन्होंने कहा है कि महाराष्ट्र को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने में ये एक कारगर कदम साबित होने वाला है. इससे सरकारी प्रक्रियाओं में पारदर्शिता भी आएगी.

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लोकायुक्त के क्या मायने?

अब जानकारी के लिए बता दें कि भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए अन्ना हजारे लगातार लोकायुक्त की मांग कर रहे थे. वे चाहते थे कि लोकायुक्त इतना ताकतवर हो कि उसके जरिए मुख्यमंत्री के खिलाफ भी कार्रवाई की जा सके. अब महाराष्ट्र सरकार जो प्रस्ताव लेकर आने वाली है, उसमें इस बड़े पहलू को शामिल कर लिया गया है. कहा गया है कि सीएम और कैबिनेट को लोकायुक्त के दायरे में लाया जाएगा.

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