महाराष्ट्र में मंत्रिमंडल विस्तार के तीन दिन बाद भी विभागों का बंटवारा नहीं हो पाया है. कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना नेताओं में फिलहाल माथापच्ची जारी है. तीनों ही पार्टियों के नेता ठाकरे सरकार में मंत्री और शिवसेना के नेता सुभाष देसाई के घर पर बैठक हुई. बैठक में राज्य के डिप्टी सीएम अजित पवार, एकनाथ शिंदे, बालासाहेब थोराट, अशोक चव्हाण जैसे नेता मौजूद रहे.
बैठक के बाद कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण ने कहा कि हमने कांग्रेस का प्रस्ताव मुख्यमंत्री के पास भेज दिया है. मंत्रियों के विभागों का मामला था. अंतिम फैसला उद्धव ठाकरे ही करेंगे. अशोक चव्हाण ने कहा कि हम नाराज नेताओं को मना लेंगे. तीन दलों की सरकार है, हम सभी को मना लेंगे.
Maharashtra:Shiv Sena,NCP&Congress meeting over portfolio distribution has concluded.Congress' Ashok Chavan says,"Whatever few issues were there regarding portfolio distribution have been resolved.We've sent our proposal to Chief Minister,decision will be taken by him tomorrow" https://t.co/lsPn5OHTfF pic.twitter.com/AbITX9BPVo
— ANI (@ANI) January 2, 2020
तीनों पार्टियों की नजर मलाईदार मंत्रालयों पर है और घमासान इसी को लेकर मचा है. इससे पहले बुधवार को भी शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के नेताओं ने राज्य सचिवालय में विभागों के बंटवारे को लेकर बैठक की. इसके बाद माना जा रहा था कि मंत्रालय के विभागों के आवंटन की गुरुवार को घोषणा हो सकती है. खुद अजित पवार ने बुधवार देर रात कहा था कि विभाग बंटवारे पर गुरुवार को आदेश जारी किया जा सकता है. कोई भी इससे दुखी नहीं है.
शिवसेना के कोटे से 15 मंत्री
उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी सरकार में शिवसेना के खाते में मुख्यमंत्री सहित 15 मंत्री पद आए हैं. शिवसेना कोटे में आवास, शहरी विकास, जल संसाधन, राज्य सड़क विकास, उद्योग, उच्च और तकनीकी शिक्षा, कृषि, सामान्य प्रशासन और परिवहन जैसे विभाग मिलने की संभावना है.
महाराष्ट्र की गठबंधन सरकार में सबसे ज्यादा मंत्री एनसीपी से बने हैं. ऐसे में सबसे ज्यादा विभाग भी एनसीपी को मिल सकते हैं. एनसीपी के कोटे में वित्त, गृह, ग्रामीण विकास, सामाजिक नियोजन, न्याय, सहकारिता, सिंचाई, उत्पाद शुल्क, खाद्य और नागरिक आपूर्ति, श्रम और अल्पसंख्यक जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालय मिल सकते हैं.
उद्धव ठाकरे सरकार में तीसरी सहयोगी कांग्रेस है और उसके खाते में 12 मंत्री बनाए गए हैं. कांग्रेस के कोटे में राजस्व, बिजली, बेसिक शिक्षा, चिकित्सा शिक्षा, पीडब्ल्यूडी, आदिवासी और महिला-बाल विकास जैसे मंत्रालय मिलने की संभावना है.
कृषि और सहकारिता जैसे ग्रामीण क्षेत्रों से संबंधित कोई भी विभाग उसके खाते में नहीं आ रहे हैं. इसे लेकर कांग्रेस में नाराजगी है और पार्टी ने विभागों की अदला-बदली और विभागों की संख्या में वृद्धि की मांग रखी है.
विभागों के लिए पसोपेश में कांग्रेस
उद्धव मंत्रिमंडल में कांग्रेस के कोटे से 12 मंत्री बने हैं, जिसमें चार वरिष्ठ नेता भी शामिल हैं. पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण, बाला साहब थोराट, नितिन राउत और विजय वडेट्टीवार जैसे वरिष्ठ और कांग्रेस के कद्दावर नेता मंत्री बने हैं. कांग्रेस के खाते में राजस्व, ऊर्जा और पीडब्ल्यूडी जैसे महत्वपूर्ण विभाग आ सकते हैं.
एनसीपी-शिवसेना में खींचतान
वहीं, एनसीपी और शिवसेना के बीच गृह मंत्रालय को लेकर खींचतान थी. ऐसे में शिवसेना गृह विभाग देने के लिए राजी हो गई है, लेकिन एनसीपी प्रमुख शरद पवार के सामने असल सवाल है कि इस महत्वपूर्ण विभाग को वो किसे सौंपे. सूत्रों के मानें तो उद्धव सरकार में उपमुख्यमंत्री अजीत पवार की नजर गृह विभाग पर है, लेकिन शरद पवार ने अजित पवार को देने के मूड में नहीं है. अजित पवार को पवार को हाल ही में भ्रष्टाचार मामले में अभी क्लीन चिट मिली है. ऐसे में अजित पवार को वित्त मंत्रालय दिया जा सकता है, लेकिन गृह विभाग किसे मिलता है यह सवाल अभी भी उलझा हुआ है.