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नागपुर हिंसा में 36 कार, 22 बाइक, 1 क्रेन और एक मकान को पहुंचाया गया था नुकसान, मुआवजे का हुआ ऐलान

महाराष्ट्र अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष प्यारे खान ने कहा, "दंगा औरंगजेब की वजह से नहीं, चादर जलाने की वजह से हुआ है. पुलिस यह पता करेगी कि प्रोटेस्ट के दौरान जलाई जाने वाली चादर कहां से आई."

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नागपुर हिंसा (तस्वीर: PTI)
नागपुर हिंसा (तस्वीर: PTI)

महाराष्ट्र (Maharashtra) के नागपुर में पिछले दिनों सांप्रदायिक दंगा हुआ, जिसके निशान इलाकों में अब भी जिंदा हैं. चारों तरफ सुलगे हुए वाहन और तोड़फोड़ का शिकार हुईं चीजें बिखरी हैं. सरकार द्वारा किए जा रहे पंचनामा में जानकारी सामने आई है कि नागपुर हिंसा में 61 वाहनों में तोड़फोड़ की गई है. 36 कार, 22 बाइक, एक क्रेन और एक मकान में भारी नुकसान होने की जानकारी सामने आई है.

नुकसान को पंचनामा कर भरपाई देने की प्रक्रिया जिला प्रशासन द्वारा शुरु की गई है. जो वाहन पूरी तरह से खत्म हो चुके हैं, उनके लिए 50 हजार रुपये और कम नुकसान हुए वाहनों के लिए 10 हजार रुपए का मुआवजा दिया जाएगा. जिन लोगों ने बीमा का फायदा लिया है, उन्हें यह रकम नहीं दी जाएगी. 

'दंगा चादर जलाने की वजह से हुआ...'

राज्य अल्पसंख्यक आयोग ने अपने आदेश में कहा कि दंगा पीड़ित लोगों को 48 घंटे के अंदर मुआवजा दिया जाए. वहीं, यह भी कहा गया है कि बेकुसूर लोगों को छोड़ दिया जाए. महाराष्ट्र राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष प्यारे खान ने नागपुर में मीडिया से बात करते हुए कहा, "पुलिस यह पता करेगी कि प्रोटेस्ट के दौरान जलाई जाने वाली चादर कहां से आई. मुझ पर और पुलिस पर आरोप लगाने से बेहतर है कि हम जमीन पर काम करें. चादर कहां से आई इसकी जांच पुलिस कर रही है. फॉरेन्सिक जांच के बाद सब सच सामने आ जाएगा."

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उन्होंने आगे यह भी कहा कि दंगा औरंगजेब की वजह से नहीं, चादर जलाने की वजह से हुआ है.

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शुरू हुई पंचनामा प्रक्रिया

दंगे के दौरान जिन-जिन लोगों की संपत्तियों का नुकसान हुआ है, उनके पंचनामे की प्रक्रिया शुरू हो गई है. प्रशासनिक कर्मचारी और अधिकारी घर-घर जाकर पंचनामा कर रहे हैं. सबका लेखा-जोखा तैयार कर रहे हैं. महाराष्ट्र के मंत्री एवं नागपुर के प्रभारी मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने आदेश दिया था कि पंचनामा शुरू किया जाए, इसके बाद नागपुर के जिलाधिकारी ने पंचनामा शुरू करवाया. 

लोगों का कहना है कि प्रशासकीय कर्मचारी अधिकारी घर-घर पहुंच रहे हैं और नुकसान का पूरा लेखा-जोखा तैयार कर रहे हैं. 

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